नोएडा। डीएमआईसी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल) की मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) परियोजना अपने मूर्त रूप में आने की तरफ एक कदम और बढ़ी है। परियोजना का विकास पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर किया जाना है। इस परियोजना का टेंडर डॉक्यूमेंट फाइनल करने के लिए बृहस्पतिवार को मार्केट साउंडिंग बैठक बुलाई गयी जिसमे पब्लिक नोटिस के माध्यम से इक्षुक प्राइवेट डेवेलपर्स को आमंत्रित किया गया था।
इस बैठक में देश के विभिन्न भागों से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कार्य करने वाली लगभग पंद्रह कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इनके साथ परियोजना का विकास करने हेतु प्राइवेट डेवेलपर के चयन हेतु टेंडर डॉक्यूमेंट पर चर्चा की गयी एवं इस संबंध में उनके सुझाव मांगे गए । इनके सुझावों को टेंडर डॉक्यूमेंट में शामिल कर आईआईटीजीएनएल की बोर्ड के समक्ष अनुमोदन हेतु रखा जाएगा। बोर्ड से अनुमोदन लेकर टेंडर डॉक्यूमेंट को भारत सरकार के अनुमोदनार्थ भेजा जाएगा। वहां से अनुमोदन के पश्चात् इस साल के अंत तक परियोजना के विकासकर्ता का चयन करने हेतु टेंडर जारी करने की तैयारी है।
दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत उद्योगों की माल ढुलाई की राह आसान बनाने के लिए आईआईटीजीएनएल की तरफ से ग्रेटर नोएडा के दादरी में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। मुंबई, गुजरात में स्थित पोर्ट पर वर्तमान में उद्योगों का माल जाने में चार से पांच दिन लगता है। इसके शुरू होने के बाद माल एक दिन में पहुंच सकेगा। इस परियोजना का विकास कार्य दो चरणों में होगा।
बाह्य कार्यों को आईआईटीजीएनएल द्वारा पूरा किया जाएगा, जिसमें डी एफ सी सी से रेल कनेक्टिविटी एवं आसपास के प्रमुख मार्गों से रोड कनेक्टीविटी आदि कार्य होंगे। वहीं आंतरिक विकास कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी टेंडर प्राप्त करने वाली निजी कंपनी पर होगी। एमएमएलएच में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करीब 50 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होंगे। बैठक में आईआईटीजीएनएल के एमडी एनजी रवि कुमार, निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग और श्रीलक्ष्मी वीएस, महाप्रबंधक लीनू सहगल, सीएफओ अभिषेक जैन, एनआईसीडीसी के सीएफओ प्रदीप कुमार अग्रवाल सहित कई अन्य कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।