गौतमबुद्ध नगर-। जालसाजों ने सेक्टर 62 निवासी एक महिला को विदेशी पार्सल में ड्रग्स और अन्य प्रतिबंधित सामान होने का डर दिखाकर लगभग पौने 10 लाख रुपये ठग लिए । ठगों ने खुद को पुलिस और सीबीआई का अधिकारी बताकर 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करे रखा। महिला ने ठगी का अहसास होने पर साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
रंजना नामक इस महिला ने पुलिस को बताया कि सात अगस्त को उन्हें डीएचएल कुरियर सर्विस से एक कॉल आई, जिसमें बताया गया कि उनके नाम से एक पार्सल विदेश जा रहा है। फोन पर उन्हें बताया गया कि इस पार्सल में उनके आधार कार्ड का उपयोग किया गया है और इसमें ड्रग्स और अन्य प्रतिबंधित सामान पाया गया है। इस सूचना के बाद कॉल को कथित तौर पर मुम्बई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के पास ट्रांसफर कर दिया गया।
ठगों ने रंजना को स्काइप कॉल पर जोड़ा और ड्रग्स मिलने पर जेल जाने की धमकी दी। उन्होंने रंजना को घर से बाहर न जाने की सलाह दी और आठ अगस्त तक लगातार उनसे पूछताछ की। जांच के नाम पर जालसाजों ने कई खातों में जमा रकम को एक खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा। उन्होंने दावा किया कि जांच पूरी होने के बाद पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट मिलेगा और रकम वापस की जाएगी।
गिरफ्तारी के डर से रंजना ने पहले पांच लाख रुपये और फिर चार लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर किए। रंजना को 09 अगस्त तक महिला को डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया और जब ठगों ने उससे और पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया तो रंजना ने अपने पैसे वापस मांगे। इस पर ठगों ने रंजना से पूरी तरह से सम्पर्क तोड़ दिया और लगभग 48 घंटे तक उसकी निगरानी स्काइप कॉल के माध्यम से की। इस मामले में रंजना ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जिसके लिए टीमों का गठन किया गया है।