अयोध्या- समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि कुछ विपक्षी दलों ने पहले रामभक्तों पर गोलियां चलवायीं और अब वही तत्व अयोध्या को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।
जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर सुरक्षित मिल्कीपुर विधानसभा में कुमारगंज के आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में वृहद रोजगार मेला के उद्घाटन करने के बाद श्री योगी ने कहा पहले रामभक्तों पर गोलियां चलवायीं, अब अयोध्या को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई घटना पर समाजवादी पार्टी के नेता बचाने की कोशिश कर रहे हैं। यह वही लोग हैं जो दुष्कर्मियों के लिये कहते थे, लडक़े हैं, गलती हो जाती है। यह लोग बेशर्मी के साथ दुष्कर्मियों का समर्थन कर रहे हैं। इनकी आदत छूटी नहीं है। इनको सुधारने के लिये कानून का डंडा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा की सरकार में बिना पैसे के नौकरी नहीं मिलती थी। हर नियुक्तियां विवादित होती थीं और नियुक्तियों में भेदभाव होता था। उत्तर प्रदेश सरकार ने साढ़े छह लाख युवाओं को पारदर्शी तरीके से सरकारी नियुक्ति दी है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर नौजवान के साथ खिलवाड़ किया गया तो उसकी पूरी प्रापर्टी जब्त कर कार्यवाही करेंगे।
योगी ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा के साथ किसी ने भी कुछ गलत किया तो उसकी कीमत उसे चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अयोध्या को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह वही लोग हैं जिन्होंने रामभक्तों पर गोलियां चलवायी थीं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में तेजी के साथ विकास हुआ है। अयोध्या की सडक़ें, लाइट, एयरपोर्ट लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अयोध्या का विकास अच्छा नहीं लग रहा है, तो सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर बदनाम कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अयोध्या में 13 हजार एकड़ जमीन आवंटित की खबर गलत है वहीं रामपथ और धर्मपथ की 3800 लाइटों के चोरी होना भी अफवाह है। य वेन्डर को यहां लाइट लगानी थी लेकिन चुनाव के चलते यह नहीं लगायी जा सकीं। वेंडर ने विपक्षियों के साथ मिलकर शिकायत किया। अब वेंडर ही शिकंजे में है। अब इस वेंडर के आकाओं को भी पकड़ा जायेगा। वेंडर के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज हुई है लेकिन जांच तेज करने के लिये कहा है।
रोजगार मेले में सौ से ज्यादा कम्पनियां पहुंची। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से युवाओं को नियुक्ति पत्र, टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित किया। उन्होंने टैबलेट व स्मार्टफोन पाने वाले सभी नौजवानों, छात्र-छात्राओं को बधाई दी। इस मौके पर 3500 छात्र-छात्राओं को टैबलेट व स्मार्टफोन दिया गया। उन्होंने 30 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और 48 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें आडिटोरियल का निर्माण, सीड प्रोसेसिंग युनिट, कृषि विज्ञान केन्द्र का सुदृढ़ीकरण, डी टाइप आवासों के पास डायनिंग हाल, विश्वविद्यालय एग्री टूरिज्म सहित 14 परियोजनायें शामिल हैं।
उन्होंने जातिवाद की राजनीति पर कहा कि उनकी नजर सिर्फ चार जातियों पर है। एक जाति गरीब की, अन्नदाता के मान की, तीसरी युवा की और चौथी जाति आधी आबादी की है। यही चार जातियां हैं। इनमें गरीबी को खत्म करना हमारा लक्ष्य है। अन्नदाता के लिये हमें काम करना है। नारी सशक्तीकरण की दिशा में काम करना है। युवाओं के रोजगार और उनके कौशल विकास के लिये काम करना है। उन्होंने साठ हजार पुलिस नौजवानों की भर्ती शीघ्र कराने की घोषणा की है। जिसमें पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिये बीस प्रतिशत आरक्षण की भी व्यवस्था रहेगी।
योगी ने रक्षाबंधन के अवसर पर बहनों के लिये आज और कल सरकारी बसों में नि:शुल्क यात्रा की भी घोषणा की।
गौरतलब है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी में रामलला मंदिर की ओर जाने वाले रामपथ व भक्तिपथ पर लगी पचास लाख रुपये से अधिक कीमत की 3800 बंबू लाइटस और 36 गोबो प्रोजेक्टर चोरी हो गयी थीं। यह घटनायें अयोध्या के सबसे महत्वपूर्ण व सुरक्षित माने जाने वाले स्थानों पर हुईं जबकि इस स्थान पर पुलिस सहित किसी को भनक नहीं लगी। अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) से लाइटों को लगाने का ठेका यश इंटरप्राइजेज और कृष्णा आटोमोबाइल को मिला था।
उसकी ओर से रामपथ पर 6400 बंबू लाइटस व रामपथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लगायी गयी थीं। इनमें से 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की 3800 बंबू लाइटस 36 गोबो प्रोजेक्टर की चोरी हो गयी।
फर्म के प्रतिनिधि शेखर शर्मा ने रामपथ व भक्तिपथ पर लगायी गयी 3800 बंबू लाइटस व 36 गोबो प्रोजेक्टर चोरी हो जाने का मामला रामजन्मभूमि थाने में नौ अगस्त को दर्ज कराया था।
इस मौके पर कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, पूर्व सांसद लल्लू सिंह, विधायक अमित सिंह, विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, विधायक रामचन्द्र यादव, कुलपति डा. बिजेन्द्र सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारी और विश्वविद्यालय के कर्मचारी आदि लोग मौजूद रहे।