मेरठ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ की महिला से दुष्कर्म व हत्या के दोषी को बरी कर दिया। स्वतंत्र गवाह न होने, मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म व हत्या की पुष्टि नहीं होने पर ट्रायल कोर्ट के उम्रकैद की सजा के आदेश को पलट दिया।
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की अदालत ने यह आदेश अंकित पुनिया की अपील पर दिया।
मेरठ के जानी थाने में 29 अक्तूबर 2017 को अंकित पुनिया पर महिला से दुष्कर्म, एससी/एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
मेरठ के जानी थाने में 29 अक्तूबर 2017 को अंकित पुनिया पर महिला से दुष्कर्म, एससी/एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
घटना के बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। इसके बाद हत्या की धारा में भी मुकदमा दर्ज किया गया। विशेष न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 नवंबर 2020 को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।