गाजियाबाद। लोनी में मच्छर भगाने की अगरबत्ती से प्रशांत विहार कॉलोनी निवासी नीरज कुमार के मकान में शनिवार की रात आग लग गई। आग की चपेट में आने से नीरज कुमार के एक बेटे की पहले ही मौत हो गई। अब दूसरे बेटे ने भी दम तोड़ दिया है।
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मकान के दूसरे कमरे में सो रहे नीरज और उनकी पत्नी संतोष देवी किसी तरह से घर से बाहर निकलकर जान बचाई। आसपास के लोगों ने पानी डालकर आग पर काबू पाया।
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नीरज कुमार ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। उनका बड़ा बेटा कौशल दिल्ली मेट्रो में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। वह काम पर गया हुआ था। शनिवार रात 10 बजे परिवार के सदस्यों ने साथ में खाना खाया। इसके बाद वह और उनकी पत्नी बाहर वाले कमरे में सो गए। अंदर वाले कमरे में अरुण और वंशु सो रहे थे।
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रात करीब 2:30 बजे उनकी आंख खुली तो उन्होंने देखा कि बच्चों के कमरे से धुआं और आग की लपटें उठ रहीं हैं। किसी तरह वह और उनकी पत्नी मकान से बाहर निकले और शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया। मौके पर पहुंचे लाेगों ने पुलिस और अग्निशमन विभाग को घटना को सूचना देकर आग बुझाने में जुट गए। अग्निशमन विभाग की टीम के पहुंचने से पूर्व ही लोगों ने आग पर काबू पा लिया।
आग बुझने के बाद जब लोग कमरे में गए तो अरुण कमरे के बाहर बरामदे में झुलसी अवस्था में पड़ा हुआ था और वंशु की घटनास्थल पर ही मौत हो चुकी थी। लोगों की मदद से परिजन अरुण को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले गए थे जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। परिजन दोनों शवों का पोस्टमार्टम करने से इन्कार कर रहे थे। पुलिस के अधिकारियों के समझाने के बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। वहीं, सीएफओ राहुल पाल ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।