Thursday, September 19, 2024

सपा नेता आजम खान को MP-MLA कोर्ट से राहत,वोटरों को प्रभावित करने के आरोप से दोषमुक्त

रामपुर। उत्तर प्रदेश में रामपुर की एक विशेष अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) नेता मोहम्मद आजम खान को प्रत्याशी रहते हुए वोटरों को प्रभावित करने के लिये मतदान परिसर में कार से पहुंचने के आरोप से बरी कर दिया।

 

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आजम खान पर प्रत्याशी रहते हुए वोटरों को प्रभावित करने के लिए मतदान परिसर में कार से पहुंचने का आरोप था। इस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट आज अपना फैसला सुनाया। फैसले में आजम खान को दोषमुक्त करार दिया गया है।
जिले में आजम खान के खिलाफ कई मुकदमें चल रहे हैं। इनमें कई मुकदमों में वह बरी हो चुके हैं तो कुछ में उन्हें सजा हो चुकी है। इसके चलते आजम खान जिला सीतापुर की कारागार में बंद हैं। आज आजम खान को लेकर एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने अपना फैसला सुनाया।

 

दरअसल वर्ष 2019 में उम्मीदवार रहते हुए आजम खान अपनी कार लेकर राजकीय रजा महा विद्यालय मतदान केंद्र में पहुंचे थे। ऐसे में तत्कालीन एसडीएम पीपी तिवारी ने उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया था। आरोप था कि आजम खान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए मतदान परिसर में कार लेकर पहुंचे। इस प्रकरण में सभी गवाहियां और बहस पूरी होने के बाद पत्रावली सुरक्षित कर फैसले पर लगाई गईं थीं। आज इसमें कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया। फैसले में आजम खान को कोर्ट ने सुबूतों नहीं होने के आधार पर दोषमुक्त करार दिया गया है।

 

पूर्व लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान आजम खान मतदान केन्द्र रजा डिग्री कालेज थाना गंज की 200 मीटर परिधि के अन्दर वाहन ले जाकर आदर्श आंचार संहिता का उल्लघन करने के सम्बन्ध में स्व पीपी तिवारी-सहायक रिटर्निंग ऑफिसर उपजिलाधिकारी सदर द्वारा थाना गंज में 24 अप्रैल 2019 को एनसीआर संख्या-33/2019 धारा 171एफ भादवि, 133 लोक प्रति0 अधि0 बनाम आजम खां पुत्र मुमताज खा निवासी मोहल्ला घेरमीर बाज खां जेल रोड, थाना क्षेत्र गंज के विरूद्व दर्ज कराया गया था।

 

न्यायाधीश शोभित बंसल न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट/एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा आजम खान को बरी किया गया है। आजम खां को वीडियों कान्सफै्रन्स के जरिये जिला कारागार सीतापुर से फैसले के दौरान पेश किया गया।

 

मोहम्मद मुरसलिन अधिवक्ता आजम पक्ष ने बताया कि घटना बेबुनियाद साबित हुई। अभियोजन की तरफ से पांच गवाह पेश किए गए थे, लेकिन सभी घटना को साबित नहीं कर सके।

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