प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करने वाली पत्नी पति पर दहेज उत्पीड़न और दूसरा विवाह करने का मुकदमा नहीं दर्ज करा सकती है। कोर्ट ने पहली शादी छुपाकर युवती से दूसरी शादी करने के मामले में दहेज उत्पीड़न और द्विविवाह के आरोप में दर्ज चार्जशीट और मुकदमे की कार्यवाही को रद्द कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि दूसरी शादी करने वाली महिला आरोपी की वैध पत्नी नहीं मानी जाएगी। ऐसे में दहेज उत्पीड़न और द्विविवाह के आरोप में मामले को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। यह आदेश सौरभ श्याम शमेशरी ने ओम प्रकाश मिश्रा व अन्य की अर्जी पर दिया है।
कानपुर नगर के किदवई नगर निवासी अंचल मिश्रा व उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर दहेज उत्पीड़न व द्विविवाह के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया। दूसरी शादी करने वाली महिला ने आरोप लगाया था कि याची ने अपनी पहली शादी को छुपाकर उससे दूसरी शादी की है। चार्जशीट 19 जून 2019 को दाखिल की गई, जिसे याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
कोर्ट ने आरोप पत्र रद्द कर दिया। परन्तु कहा कि शिकायतकर्ता दूसरी पत्नी पहला विवाह छिपाकर दूसरा विवाह करने के मामले में सीआरपीसी की धारा 198 के संदर्भ में आईपीसी की धारा 495 के तहत परिवाद दर्ज करा सकती है।