Monday, November 25, 2024

तिरुपति बालाजी प्रसाद विवाद पर भड़का संत समाज, उच्चस्तरीय जांच की मांग

हरिद्वार। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट का मामला गरमा गया है। प्रसाद विवाद पर हरिद्वार के संत आक्रोशित हैं। धर्मनगरी हरिद्वार के साधु संतों ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष तथा महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलना सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओ पर कुठाराघात है। भगवान वेंकटेश्वर का दर्शन करने के लिए पूरे विश्व से लोग आते हैं, इसलिए वो आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि तत्काल वहां बनने वाले प्रसाद की मात्रा को सीमित करने के साथ ही उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

पंचायती बड़ा अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा यह सनातन धर्म को नीचा दिखाने की बड़ी साजिश है।वे सरकार से मांग करते करते हैं कि मामले की जांच कराकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाये।उन्होंने कहा इस मामले में जगन रेड्डी ही नहीं बल्कि मंदिर न्यास से जुड़े पदाधिकारी भी दोषी हैं।

काली सेना प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि ये बड़ी ही शर्मनाक घटना है। सरकार को चाहिए कि न्यास के सभी तत्कालीन सदस्यों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करे। इसी के साथ बाबा हठयोगी महाराज ने इस कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि इसे सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराया जाए।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि जगन सरकार में तिरुपति बालाजी मंदिर में बनने वाले लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। एनडीडीबी काल्फ लैब की रिपोर्ट में वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। इस रिपोर्ट के बाद देशभर में इसे लेकर हल्ला मचा हुआ है।संत समाज ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय