बहराइच- उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के जरवल रोड थाने में तैनात रहे थानाध्यक्ष विनोद राव और दरोगा असलम को बुधवार को पुलिस अधीक्षक ने उनके मूल पद पर वापस भेज दिया है। इस निर्णय से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि थानाध्यक्ष विनोद राव जनवरी माह में जरवल रोड थाने में तैनात हुए थे, जबकि असलम जरवल चौकी के इंचार्ज थे। बताया जा रहा है कि जरवल कस्बे में दबंगों द्वारा कुछ लोगों की जमीन पर कब्जा किया जा रहा था जब इसके बारे में थानाध्यक्ष और चौकी इंचार्ज से जानकारी ली गई तो उन्होंने एसपी को गुमराह किया,पीड़ित बार-बार एसपी के पास शिकायत लेकर पहुंचते और शिकायत करते।
जब एसपी को इंस्पेक्टर विनोद राय और दारोगा मोहम्मद असलम की भूमिका संदिग्ध लगी तो उन्होंने लापरवाही बरतने
को लेकर इंस्पेक्टर और दारोगा को निलंबित कर दिया, साथ ही मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को सौंप दी, जांच में ये दोनों दोषी पाए गए। जिसके बाद से ये दोनों पुलिस लाइन में तैनात थे।
पुलिस अधीक्षक ने आज जांच रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद थानाध्यक्ष विनोद राव को उनके इंस्पेक्टर के पद से रिवर्ट करते हुए उन्हें दरोगा बना दिया है। साथ ही, दरोगा असलम को भी सिपाही पद पर रिवर्ट किया गया है। इस कार्रवाई की रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक ने शासन को भेज दी है। पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई ने पूरे महकमे में हलचल मचा दी है और अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि दो पुलिस अधिकारियों पर डिमोशन की कार्रवाई की गई। इन्होंने एक मामले में लापरवाही बरती और वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की। दोनों को उनके मूल पद पर वापस भेज दिया गया है।