Friday, November 22, 2024

अखिल भारतीय गुर्जर सभा ने किया “गुर्जर स्वाभिमान सम्मेलन” का आयोजन,धनसिंह कोतवाल गुर्जर को भारत रत्न दिये जाने की मांग

मेरठ। अखिल भारतीय गुर्जर सभा का 115वां अधिवेशन और सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती पर आयोजित “गुर्जर स्वाभिमान सम्मेलन” का आयोजन आज मेरठ विश्वविद्यालय के सरदार सुभाष चंद्र बोस ऑडिटोरियम में किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रम, रोजगार, युवा एवं खेल मामलों के केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया थे। उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन धन सिंह कोतवाल गुर्जर और चौधरी चरण सिंह की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय गुर्जर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यशवीर सिंह (पूर्व चेयरमैन, खादी ग्रामोद्योग) ने की। कार्यक्रम में सभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हरीश चन्दर भट्टी ने प्रस्ताव रखा कि धन सिंह कोतवाल गुर्जर को भारत रत्न सम्मान से नवाजा जाना चाहिए। इस प्रस्ताव को सभा के सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया।

इस अवसर पर विशेष अतिथियों में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सूममंदर तोमर और हरियाणा सरकार के मंत्री राजेश नगर उपस्थित थे। सभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनय प्रधान ने बताया कि कार्यक्रम में पूर्व सांसद हरीश पाल और विधान परिषद सदस्य व पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह को समाज के लिए किए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपने संबोधन में कहा कि वह अपने समाज द्वारा बुलाए जाने पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और उन्होंने धन सिंह कोतवाल गुर्जर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की पुरजोर वकालत की।

इस सम्मेलन में गुर्जर समाज के विभिन्न विधायक, मंत्री, पूर्व विधायक, अखिल भारतीय गुर्जर सभा के राष्ट्रीय पदाधिकारी, विभिन्न 14 प्रदेशों के प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी और समाज के कई प्रतिष्ठित नेता एवं सरदार पटेल के अनुयायियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय महासचिव रामकेश चपराना, बबीता गुर्जर, सुरेंद्र नगर, राष्ट्रीय सचिव बाबु सिंह आर्य, केपी मावाई, युवा प्रदेश अध्यक्ष सचिन अंबावत, प्रदेश महासचिव प्रदीप गुर्जर पावटी, प्रदेश सचिव नवाब लिखवाया, राष्ट्रीय सचिव सुभाष गुर्जर, जिला अध्यक्ष मनोज चपराना, युवा प्रदेश अध्यक्ष विजय धमा, और युवा जिला अध्यक्ष रोहित डॉयल सहित अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी अपने सहयोगियों के साथ मौजूद रहे।

इस स्वाभिमान सम्मेलन में गुर्जर समाज के विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया और समाज की प्रगति व एकता के लिए कदम उठाने पर जोर दिया गया।

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