गाजियाबाद। दिवाली की रात से हवा की सेहत बुरी तरह बिगड़ गई है। गोवर्धन पूजा के बाद रात भी लोगों ने पटाखे छोड़े। इससे हवा में बारूद का जहर और बढ़ा। जहरीली हवा से लोगों को परेशानी हो रही है। सांस लेने में तकलीफ होने पर जिला अस्पताल में 300 मरीज पहुंचे। बेचैनी और सिरदर्द के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है।
सबसे खराब हालत लोनी की है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 377 दर्ज किया गया। कस्बा जहरीली गैसों का चैंबर बन गया है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। शहर का एक्यूआई 330 दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को 303 था। इसमें 27 अंक की बढ़ोत्तरी हुई है। संजयनगर, वसुंधरा और इंदिरापुरम में भी सांस रोगियों की स्थिति लगातार खराब हो रही है। सुबह आसमान में धुंध ( स्माॅग ) छाया रहा। गनीमत रही कि हवा की गति तेज रही। इससे जहरीली कण कम इकट्ठा हुए।
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हैरानी की बात यह है कि हवा की सेहत इतनी बिगड़ जाने पर भी ग्रैप की पाबंदियों को सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है। न तो पुलिस की ओर से आतिशबाजी रोकने के लिए कोई कदम उठाया गया है और न ही नगर निगम कूड़ा जलाने वालों पर कोई कार्रवाई कर रहा है। टूटी सड़कों से उड़ती धूल भी हवा की हालत बिगाड़ रही है।