नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के विलय के चौथे चरण की शुरुआत कर दी है। इस चरण में 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या को घटाकर 28 किया जाएगा। यानी 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का अन्य 21 बैंकों में विलय हो जाएगा। केंद्र सरकार के वन स्टेट वन आरआरबी सिद्धांत के तहत और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या कम की जा रही है। विलय की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिस बैंक का दूसरे बैंक में विलय होगा, उसके ग्राहकों का अकाउंट दूसरे बैंक में ट्रांसफर हो जाएगा।
जानकारों के अनुसार विलय की इस प्रक्रिया में जिन राज्यों के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय होगा, उनमें आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उड़ीसा शामिल हैं। दावा किया जा रहा है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय हो जाने से बैंकों की सर्विस तुलनात्मक तौर पर अधिक बेहतर और किफायती हो सकेगी। एक राज्य में एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक होने से उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और ऑपरेटिंग कॉस्ट में कमी आएगी। विलय की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए फाइनेंशियल सर्विस डिपार्टमेंट ने सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रायोजक बैंकों से 20 नवंबर तक सुझाव देने के लिए भी कहा है।
आपको बता दें कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के विलय की प्रक्रिया वित्त वर्ष 2004-05 में शुरू की गई थी। विलय की प्रक्रिया शुरू होने के बाद तीन चरणों में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 196 से घटा कर 43 की जा चुकी है। अब चौथे चरण में इनकी संख्या वन स्टेट वन आरआरबी पॉलिसी के तहत 28 की जा रही है।