Friday, November 8, 2024

एक दिन में ही खत्म हुआ डोनाल्ड ट्रंप का जादू

नई दिल्ली। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के कारण बुधवार को घरेलू शेयर बाजार में बना उत्साह दूसरे दिन ही साफ हो गया। इसके साथ ही गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार एक बार फिर बड़ी गिरावट का शिकार हो गया। माना जा रहा है कि विदेशी निवेशकों की ओर से की जा रही जोरदार बिकवाली और कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे की वजह से घरेलू शेयर बाजार पर आज लगातार दबाव बना रहा। इसके साथ ही डॉलर इंडेक्स में आई जोरदार तेजी की वजह से भी घरेलू शेयर बाजार पर आज दबाव बन गया। इसके अलावा आईटी सेक्टर के शेयरों में बुधवार को जितनी तेजी आई थी, आज मुनाफा वसूली के चक्कर में उसमें वैसे ही गिरावट दर्ज की गई, जिसके कारण पूरे बाजार का सेंटीमेंट खराब हो गया।

रुपया पैसा फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ अभिषेक मूलचंदानी का कहना है कि घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशक 30 सितंबर से ही पूरी तरह से बिकवाल की भूमिका निभा रहे हैं। अक्टूबर के महीने में विदेशी निवेशकों ने 94 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की थी। आज भी विदेशी निवेशकों ने 4,445.59 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले। विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण कारोबार की शुरुआत होते ही मार्केट में निगेटिव सेंटीमेंट बन गया। इसी तरह अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर इंडेक्स में जोरदार तेजी आई है, जिसकी वजह से भारतीय मुद्रा रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिर कर कारोबार कर रही है। भारतीय मुद्रा की कमजोरी से भी स्टॉक मार्केट की निगेटिविटी बढ़ी है।

आज घरेलू शेयर बाजार में आई गिरावट की एक बड़ी वजह आईटी सेक्टर के शेयरों में हुई जोरदार बिकवाली भी है। बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप की जीत के कारण आईटी सेक्टर जोरदार मजबूती का गवाह बने थे। लेकिन आज निवेशकों ने आईटी सेक्टर में जम कर मुनाफा वसूली की। इसकी वजह से टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एलटी माइंडट्री जैसी आईटी सेक्टर की कई दिग्गज कंपनियों के शेयर 3 प्रतिशत तक टूट गए। इसके साथ ही कंपनियों के तिमाही नतीजों ने भी घरेलू शेयर बाजार की चाल पर आज नकारात्मक असर डाला। शेयर मार्केट में लिस्टेड कई बड़ी कंपनियां के तिमाही नतीजे उम्मीद से काफी कमजोरी आ रहे हैं, जिसके कारण मार्केट का माहौल खराब हुआ है। इसके साथ ही कुछ चुनिंदा सेक्टर्स में कमजोरी आने की वजह से भी इक्विटी मार्केट को झटका लगा है।

इसी तरह धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का कहना है कि दुनिया भर के स्टॉक मार्केट्स में निवेशकों की नजर आज अमेरिकी फेडरल रिजर्व (यूएस फेड) की बैठक पर टिकी रही। अमेरिकी फेडरल रिजर्व पहले से ही ब्याज दरों में कटौती करने का संकेत दे चुका है, लेकिन अब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद यूएस फेड का रुख कैसा रहता है, इसको लेकर उत्सुकता बनी हुई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का फैसला आने के पहले आज दुनिया के दूसरे शेयर बाजारों की तरह ही भारत में भी निवेशक संभल कर कारोबार करते नजर आए। यही वजह है कि विदेशी संस्थागत निवेशक जब बिकवाली का दबाव बनाए हुए थे, तब भी घरेलू संस्थागत निवेशकों ने हर बार की तरह आक्रामक अंदाज में खरीदारी करने की जगह शांत बने रहे। घरेलू संस्थागत निवेशकों की ओर से खरीदारी का सपोर्ट नहीं मिलने के कारण भी भारतीय शेयर बाजार आज गिरावट का शिकार हो गया।

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