Wednesday, May 21, 2025

बंगाल में शांतिपूर्ण तरीके से मनी रामनवमी, तृणमूल नेता भी जुलूस में हुए शामिल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में रामनवमी का उत्सव शांतिपूर्ण रहा है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी अपने स्तर पर इस शुभ अवसर पर जुलूस निकाले हैं। रामनवमी समारोह को लेकर तनाव की आशंका के चलते लगभग पूरे राज्य, खासकर 10 चिह्नित संवेदनशील क्षेत्रों और निर्धारित जुलूसों के मार्गों को पूरे दिन सुरक्षा घेरे में रखा गया और कैमरों की निगरानी की गई। आकर्षण का केंद्र पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में प्रतिष्ठित अयोध्या राम मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर का शिलान्यास समारोह रहा, जहां से विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी विधायक हैं। इसी दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर में रामनवमी समारोह में भाग लिया, जहां से निर्वाचित प्रतिनिधि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं।

भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं, जैसे प्रदेश पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने भी शुभ अवसर पर निकाले गए कई जुलूसों में भाग लिया। मजूमदार और घोष दोनों ने राज्य सरकार पर रामनवमी के जुलूसों पर इतने सारे प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ इतने व्यापक सुरक्षा इंतजाम करके लोगों में अनावश्यक दहशत पैदा करने का आरोप लगाया। दोनों नेताओं ने दावा किया कि इस तरह के सुरक्षा इंतजाम और प्रतिबंध केवल तभी लगाए जाते हैं जब सवाल किसी हिंदू धार्मिक त्योहार का हो। घोष ने कहा कि जब पुलिस की वजह से पूरे राज्य में लोग मारे जा रहे हैं, तो पुलिस को हथियारों की तलाश करने की जरूरत महसूस नहीं होती। लेकिन, वही पुलिस रामनवमी के जश्न के दौरान हथियारों की तलाश करने में बहुत ज्यादा जिज्ञासु हो गई।

रामनवमी के जुलूसों में शामिल होने वाले तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में पार्टी के राज्य महासचिव कुणाल घोष और पार्टी के लोकसभा सदस्य शतबी रॉय और असित कुमार मल शामिल हैं। लगभग सभी रैलियों में, जिनमें तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भाग लिया, धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले पार्टी समर्थकों की मौजूदगी थी। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि रामनवमी के जुलूसों में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की यह भारी भागीदारी लोगों को यह संदेश देने का प्रयास है कि तृणमूल कांग्रेस रामनवमी समारोहों के खिलाफ नहीं है। शहर के एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, “एक प्रसिद्ध कहावत है कि ‘यदि आप उन्हें हरा नहीं सकते, तो उनके साथ शामिल हो जाइए।’ पश्चिम बंगाल में इस वर्ष रामनवमी उत्सव को लेकर लोगों में जो उत्साह है, उसे देखते हुए सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने भी उत्सव में शामिल होना बुद्धिमानी समझा, खासकर अगले वर्ष होने वाले महत्वपूर्ण राज्य विधानसभा चुनावों के बीच।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

87,026FansLike
5,553FollowersFollow
153,919SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय