Friday, November 15, 2024

अंतरिक्ष में संघर्षों से निपटने के लिए भारत ने किया ‘अंतरिक्ष अभ्यास’

नई दिल्ली। भारत में अंतरिक्ष में संघर्ष से संबंधित अभ्यास कार्यक्रम ‘अंतरिक्ष अभ्यास-2024’ किया है। बुधवार को यह अभ्यास सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। यह अंतरिक्ष में युद्ध के क्षेत्र में भारतीय सशस्त्र बलों की रणनीतिक तत्परता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह कार्यक्रम भारत की अंतरिक्ष आधारित कार्यात्मक क्षमताओं को विस्तार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा यह अंतरिक्ष सुरक्षा के लिए तीनों सेनाओं के साझा परिचालन को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण है। यह अभ्यास अंतरिक्ष में भारतीय हितों को सुरक्षित करने के भारत के प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है।

यह अभ्यास इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में देश की प्रगति व रणनीतिक महत्व को भी उजागर करता है। एकीकृत रक्षा कार्मिक मुख्यालय की रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी ने 11 से 13 नवंबर तक अंतरिक्ष अभ्यास-2024 किया। इस अभ्यास के प्रमुख घटकों में उभरती हुई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियां, अंतरिक्ष संदर्भपरक जागरूकता और भारत की अंतरिक्ष गतिविधियों पर केंद्रित चर्चाएं शामिल थीं।

कार्यक्रम के दौरान महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों की निगरानी एवं सुरक्षा तथा बढ़ते हुए प्रतिस्पर्धी अंतरिक्ष वातावरण में स्थितिपरक जागरूकता बढ़ाने पर प्रकाश डाला गया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अंतरिक्ष अभ्यास-2024 के तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने परिदृश्य-आधारित गतिविधियों में भाग लिया।

इसमें सैन्य, वैज्ञानिक एवं शैक्षणिक समुदाय के अलावा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों के विषय विशेषज्ञ भी शामिल हुए। इन विशेषज्ञों ने सैन्य आधारित अंतरिक्ष क्षमताओं व प्रौद्योगिकियों के वर्तमान एवं भविष्य के परिदृश्य पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान की। इस दौरान रक्षा अंतरिक्ष कार्यक्रमों के समक्ष आने वाली विशिष्ट चुनौतियों और अंतरिक्ष सुरक्षा, संरक्षा तथा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानूनों की उभरती प्रकृति पर प्रकाश डाला गया।

अंतरिक्ष अभ्यास के माध्यम से सहभागिता के साथ क्षमता में सुधार, आपसी समझ को बढ़ावा देने और तीनों सेनाओं व रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के बीच सामंजस्य बढ़ाया गया। इस अभ्यास के प्रमुख परिणामों में सैन्य कार्रवाई करने की तैयारियों के लिए परिष्कृत रणनीतियां, भावी सहयोग हेतु एक सशक्त रूपरेखा शामिल है। राष्ट्रीय सुरक्षा के अनुरूप भारत के अंतरिक्ष सिद्धांत व क्षमताओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक स्पष्ट रोडमैप भी इसमें शामिल हैं।

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