नई दिल्ली। देशभर के विभिन्न हिस्सों में मस्जिदों और दरगाहों पर किए जा रहे दावों और अदालती लड़ाइयों के बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बाद अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से दखल की मांग की है।
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बोर्ड ने एक बयान जारी कर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया है कि वो इस तरह के दावों पर निचली अदालतों को सुनवाई से रोकने के लिए स्वत: संज्ञान लें।
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बोर्ड ने कहा है कि संसद की ओर से पास कानून (प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट) को प्रभावी रूप से लागू करना केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी है। ऐसा न होने की सूरत में देशभर में विस्फोटक स्थिति बन सकती है जिसके लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार जिम्मेदार होंगी। सुप्रीम कोर्ट को समय रहते इसमें दखल देकर कानून की रक्षा करनी चाहिए।