नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा. लोकेश एम ने गुरूवार को वर्क सर्किल-10 क्षेत्र के सेक्टर-146 व 147 के मध्य एक्सप्रेस-वे के समानान्तर निर्मित 45 मीटर चौड़ी सड़क से हिण्डन नदी पर निर्मित सेतु के पहुंच मार्ग के निर्माण परियोजना का निरीक्षण किया गया। इस दौरान सीईओ को कई जगहों पर कार्यों में अनियमितताएं मिली। इस पर उन्होंने परियोजना से संबंधित उप महाप्रबन्धक को नोटिस एवं वरिष्ठ प्रबन्धक को प्रतिकूल प्रविष्टी दिये जाने के साथ ही परियोजना पर तैनात प्रबन्धक तथा अवर अभियन्ता का वेतन रोकने निर्देश दिए।
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निरीक्षण के दौरान प्राधिकरण के उप महाप्रबन्धक (सिविल) ने सीईओ को जानकारी दी कि वर्तमान में ग्रैप स्टेज-4 के अनुपालन में कार्य बन्द है, किन्तु कार्यस्थल की स्थिति से प्रतीत हुआ कि यह कार्य अधिक समय से बन्द पड़ा है, क्योंकि कार्यस्थल पर न तो कोई विशेष मशीनरी उपलब्ध थी। वहीं कार्य स्थल पर निर्माण सामग्री की उपलब्धता भी कम थी। इसके अतिरिक्त निरीक्षण के दौरान कार्य के अन्तर्गत निर्मित की गई रिटेनिंग वाॅल में हनिकाॅम्बिंग मिली तथा उक्त रिटेनिंग वाॅल एक सीध में भी निर्मित नहीं पायी गई। साथ ही उक्त वाॅल की शटरिंग एवं टाॅप सर्फेस भी एक लाईन में नहीं पायी गई। इस पर सीईओ ने कउ़ी नाराजगी जताते हुए परियोजना से संबंधित उप महाप्रबन्धक को नोटिस एवं वरिष्ठ प्रबन्धक को प्रतिकूल प्रविष्टी दिये जाने के साथ ही परियोजना पर तैनात प्रबन्धक तथा अवर अभियन्ता का वेतन रोकने निर्देश दिए।
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बता दें कि सेक्टर-146 व 147 के मध्य एक्सप्रेस-वे के समानान्तर निर्मित 45 मीटर चौड़ी सड़क से हिण्डन नदी पर सेतु का निर्माण, नोएडाएवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा समान सहभागिता के आधार पर किया जा रहा है। जिसके पहुंच मार्गों का निर्माण नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में दोनों प्राधिकरणों द्वारा अपने-अपने व्यय पर किया जाना है। नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में पहुंच मार्ग का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। इसके निर्माण से ग्रेटर नोएडा के एलजी चौक, गौतमबुद्ध नगर कलक्ट्रेट, सूरजपुर एवं गाजियाबाद से आने-जाने वाले यातायात जहां सुगम होगा वहीं वाहन चालकों की समय की बचत भी होगी। इसके अतिरिक्त नोएडा के औद्योगिक सेक्टर-151, 153, 154, 155, 156, 157, 158, 159, 160 एवं 162 में विकसित की जा रही औद्योगिक ईकाईयों में आवागमन भी सुगम होगा, जिससे औद्योगिक गतिविधियों में तीव्रता आयेगी। वर्तमान में उक्त परियोजना का लगभग 32 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिसको अगस्त 2025 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।