Thursday, November 28, 2024

किसानों को अच्छे बीज देने की योजना आवश्यक- शिवराज सिंह

नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने का आह्वान करते हुए कहा है कि इससे उपज में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की जा सकती है।

 

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चौहान ने कहा कि अच्छे बीजों से उत्पादन 20 प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है। किसानों को अच्छे बीज उचित दाम पर और समय पर कैसे उपलब्ध करायें, ऐसा रोडमैप तैयार करना हैं।

 

 

चौहान ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित 13वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए कहा कि खेती भारत के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए बहुत आवश्यक है। खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भारत में बड़ी आबादी अपनी आजीविका खेती से ही चलाती है। कृषि अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा हैं।

 

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उन्होंने कहा कि आज हम अपने देश की खाद्य आवश्यकताओं की ही पूर्ति नहीं कर रहे, बल्कि कई देशों में फल, सब्जियां निर्यात कर रहे हैं। खेती के लिए सबसे महत्वपूर्ण अच्छे बीज हैं। भारत में उत्पादन बढ़ाना, लागत कम करना, उत्पादन के ठीक दाम देना, नुकसान की भरपाई करना, कृषि विविधिकरण करने को लेकर अभियान चलाया गया है।

 

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चौहान ने कहा कि दुनिया की खाद्य की आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए यह आवश्यक है कि उत्पादन बढ़े और उत्पादन बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बीज है। उन्होंने कहा कि अच्छे बीजों से उत्पादन 20 प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “किसानों को अच्छे बीज उचित दाम पर और समय पर कैसे उपलब्ध करायें, ऐसा रोडमैप तैयार करना हैं। लैब टू लैंड यानि विज्ञान से किसान तक कैसे जल्दी बीज मिलें और गुणवत्ता भी प्रभावित न हो और किसान की पहुंच में भी रहें।”

 

 

कपास के बीजों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कपास के बीज के दाम बढ़ने से बीज छोटे किसानों की पहुंच से ही दूर हो गये। यह आवश्यक है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा और समय पर बीज उपलब्ध कराये जायें।

 

 

 

यह तीन दिवसीय सम्मेलन 28 से 30 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र एवं राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र ने संयुक्त रूप से आयोजित किया है। इस सम्मेलन में 700 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इनमें विशेषज्ञ, नीति निर्माता, उद्योग जगत के नेता, शोधकर्ता और किसान शामिल हैं।

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