नई दिल्ली। असम सरकार ने गोमांस (बीफ) पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। अब राज्य के होटलों, रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने की अनुमति नहीं होगी। इस पर असम से कांग्रेस के लोकसभा सांसद रकीबुल हुसैन ने प्रतिक्रिया दी है।
रकीबुल हुसैन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मंगलवार को मुख्यमंत्री यहां दिल्ली आए थे और उन्होंने विभिन्न स्थानों का दौरा किया। पहले जैसा समर्थन बीजेपी नेताओं और मंत्रियों को नहीं मिल रहा है, क्योंकि झारखंड में आदिवासियों के बीच हेमंत सोरेन ने अपना आधार बनाया था। आम आदमी पार्टी, जो गरीबों, आदिवासियों, और एसी/एसटी समुदायों के बीच काम करती है, ने हेमंत सोरेन को स्वीकार किया, जबकि बीजेपी के आदिवासी नेताओं को नकार दिया। बीजेपी को यह समझ में आ गया कि उनका आधार कमजोर हो रहा है। मुख्यमंत्री यहां आकर देख चुके हैं कि उनकी टीआरपी गिर गई है, इसलिए उन्होंने इस प्रकार के बयान दिए ताकि लोगों का ध्यान भटकाया जा सके।
“उन्होंने कहा, “झारखंड में बीजेपी का नुकसान हुआ, और इससे पूरे भारत में उनकी स्थिति पर असर पड़ा है। वह यहां आकर देख चुके हैं कि उनका प्रभाव कम हुआ है, और यही कारण है कि वह इस तरह की रणनीतियों को अपना रहे हैं। यह उनका खुद का बनाया जाल है कि वह चुनाव जीतने के लिए उल्टे-सीधे बयान दे रहे थे। अब जब यह उलटा पड़ रहा है, तो वह जनता को भ्रमित करने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं। हम इस पर विचार करेंगे और प्रतिक्रिया देंगे। उनकी इस स्थिति को देखकर यह साफ है कि 2026 में उनका सब कुछ उलट सकता है और उन्होंने जो गलत कदम उठाए हैं, उससे उनका मुख्यधारा से दूर जाना तय है।” इसके बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को संभल जाने से रोके जाने पर रकीबुल हुसैन ने कहा, “यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है।
जब हमारी सरकार आई थी, तो हमने महसूस किया था कि देश का संघीय ढांचा खतरे में है। इसलिए जब हमने शपथ ली थी, तो केवल कांग्रेस या ‘इंडिया’ ब्लॉक नहीं, बल्कि अन्य सभी दलों को भी संघीय ढांचे को बनाए रखने के लिए हमने शपथ ग्रहण करने पर मजबूर किया। अब संघीय ढांचा फिर से खतरे में है, और इसलिए हम सभी से अनुरोध करते हैं कि हम मिलकर इस स्थिति को सुधारने की कोशिश करें। हम बीजेपी से भी यह अपील करते हैं कि चुनाव तो हो चुका है, अब कम से कम माहौल को बेहतर बनाने की कोशिश करें। आप सत्ता में हैं, और सरकार का काम है लोगों का डर दूर करना।”