Tuesday, May 13, 2025

जिलाधिकारी ने किया नवीन एसटीपी का निरीक्षण, खामियों को लेकर जताई नाराजगी, तत्काल निस्तारण करने के निर्देश

मुजफ्फरनगर। किदवईनगर में 32.5 एमएलडी क्षमता का एस.बी.आर. तकनीकी पर आधारित नवीन एसटीपी का औचक निरीक्षण जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने किया। निरीक्षण के दौरान नगर मजिस्ट्रेट, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद, उप्र जल निगम एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित रहे। एसटीपी की कुल निर्माण लागत 91 करोड़ है। एसटीपी उप्र जल निगम द्वारा संचालित किया जा रहा है।

 

निरीक्षण के दौरान एसटीपी की इकाईयां मात्र आंशिक रूप से संचालित पायी गयी। एसटीपी में शहर के 4 प्रमुख नालों में जनित सीवेज का शुद्धिकरण किया जाना प्रस्तावित है, परन्तु वर्तमान में मात्र 2 नालों को ही एसटीपी से जोड़ा गया है, जिससे वर्तमान में एसटीपी में सीवेज का कुल फ्लो 4.5 एमएलडी ही शुद्धिकृत किया जा रहा है, शेष 28 एमएलडी का फ्लो शेष 2 नालों के माध्यम से एसटीपी में शुद्धिकृत किया जाना है, परन्तु दोनों ड्रेन खादरवाला ड्रेन एवं कृष्णापुरी ड्रेन एसटीपी से टैप नहीं की गयी है। वर्तमान में एसटीपी मात्र 14 प्रतिशत क्षमता पर ही संचालित किया जा रहा है, जिस कारण एसटीपी की समस्त इकाईयां भी पूर्णरूपेण स्टेबलाइज नहीं हो पायी हैं।

 

एसटीपी में सीवेज के शुद्धिकरण के उपरान्त आंशिक रूप से शुद्धिकृत सीवेज/अशुद्धिकृत सीवेज नाले के माध्यम से काली नदी पश्चिमी में निस्तारित हो रहा है, जो कि जल प्रदूषण अधिनियम का उल्लंघन है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निस्तारित किये जा रहे जल का नमूना भी एकत्रित किया गया, जिसको प्रयोगशाला में जमा कराया गया है। जल निगम द्वारा दिये गये प्रस्ताव के अनुसार एसटीपी का निर्माण एवं संचालन जून तक किया जाना था, परन्तु वर्तमान तक भी एसटीपी को पूर्ण रूप से संचालित नहीं किया।

 

 

कमियों को लेकर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त करते हुए जल निगम के अधिकारियों को तत्काल पाई कमियों का निराकरण किये जाने तथा एसटीपी के सतत् संचालन हेतु निर्देश दिये गये तथा उप्र जल निगम एवं सम्बन्धित ठेकेदार से इस क्रम में स्पष्टीकरण भी मांगे जाने हेतु जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया है।

 

 

 

जिलाधिकारी द्वारा एसटीपी के संचालन हेतु अधिकृत एजेन्सी को यह भी निर्देश दिये गये कि एसटीपी से शुद्धिकृत हो रहे सीवेज को नदी में निस्तारित न करते हुए विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे टैंकर द्वारा डस्ट सप्रेशन हेतु वाटर स्प्रिंकलिंग, सिंचाई, निर्माण परियोजनाओं में उपयोग आदि में ही प्रयोग किया जाये एवं मात्र आवश्यकता पड़ने पर ही नदी में निस्तारित किया जाये। साथ ही जिलाधिकारी द्वारा एसटीपी के आसपास जनित स्लज/कूड़े का उचित प्रकार से निस्तारण किये जाने हेतु अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद को निर्देशित किया।

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