नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के मामले में साध्वी ऋतंभरा ने इसके खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदू महिलाओं, बच्चों, युवाओं, साधुओं, मंदिरों, मठों, घरों, दुकानों और उनकी रोजी-रोटी पर हो रहे अत्याचारों पर तत्काल ध्यान दिया जाए।
वहां महिलाओं का अपमान हो रहा है, उनके साथ सामूहिक बलात्कार हो रहे हैं और 80 साल की वृद्धाओं तक का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है। हिंदू होना कोई अपराध नहीं है। हिंदू समाज की करुणा, सहजता और सरलता को कायरता के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। हमारे पास ताकत है, लेकिन हम बांग्लादेश से गिड़गिड़ाकर कुछ नहीं मांग रहे हैं, हम उनसे सिर्फ यह कह रहे हैं कि अपनी सीमाएं समझें, क्योंकि अगर आप अत्याचार बढ़ाते हैं, तो परिणाम आपको ही भुगतने होंगे।”
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उन्होंने आगे कहा, “हिंदू समाज का हृदय इन अत्याचारों से व्यथित है और इन्हें तुरंत रोकना चाहिए। हिंदू समाज में एकजुटता की आवश्यकता है, क्योंकि यह समय है जब हमें एक साथ आकर अपनी आवाज उठानी चाहिए। ‘एक रहोगे, तो सुरक्षित रहोगे’। यह संदेश सही है, क्योंकि देश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है।” उन्होंने कहा, “कश्मीर में हिंदुओं पर हुए अत्याचार के समय भी एक विमर्श किया गया था। लेकिन, कश्मीरी पंडितों को एक समुदाय के रूप में देखे बिना केवल ‘पंडित’ कहकर उन्हें अलग किया गया। कश्मीर में हिंदुओं पर अत्याचार हुआ और अब बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है।
चाहे हम किसी भी जाति, संप्रदाय या पूजा पद्धति को मानते हों, हमारे विचार या धार्मिक विश्वासों में भिन्नता हो सकती है, लेकिन हम सभी हिंदू हैं। जिस दिन हिंदू समाज एकजुट हो जाएगा, तब कोई भी हमें नीचा नहीं दिखा सकेगा। इस तरह के निरंतर अत्याचार हिंदुओं पर नहीं हो सकेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं हिंदू समाज से यह कहना चाहती हूं कि आपकी चुप्पी और आलस्य सबसे ज्यादा आपके महिलाओं के लिए नुकसानदेह है। उनका अपमान किया जा रहा है और अत्याचार बढ़ रहा है और उनका सम्मान पूरी तरह से मिटा दिया जा रहा है। इसलिए हमें एकजुट रहना चाहिए और जो अत्याचार हो रहे हैं, उसका विरोध करना चाहिए, चाहे वे भारत में हों या भारत के बाहर।
हमें संगठित और एकजुट रहना है। हिंदू समाज को यह समझना होगा कि अत्याचार सिर्फ इसलिए हो रहे हैं क्योंकि हम चुप रहते हैं, सहन करते हैं और कुछ नहीं कहते। वोट की राजनीति के लिए कुछ लोग मूक रहते हैं, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि भारत का मुसलमान भारत का है और बांग्लादेश के कट्टरपंथी जो अत्याचार कर रहे हैं, उनका विरोध किया जाना चाहिए। अगर आप सत्य के पक्ष में नहीं खड़े होते, तो यह आपके दोहरेपन को ही उजागर करता है।”