नई दिल्ली। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल करके इस वर्ष जनवरी से नवंबर तक 223 लाख करोड़ रुपये के 15,547 करोड़ लेन-देन किए गए हैं। यूपीआई के जरिए भारत में वित्तीय लेन-देन एक उल्लेखनीय प्रभाव को दिखाता है।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को ‘एक्स’ पोस्ट में बताया कि डिजिटल भुगतान क्रांति को आगे बढ़ाते हुए यूपीआई ने जनवरी से नवंबर, 2024 तक 223 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 15,547 करोड़ लेन-देन हासिल किए हैं, जो भारत में वित्तीय लेन-देन पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रदर्शित करता है। मंत्रालय ने यूपीआई के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसको दुनियाभर के देशों में महत्व मिल रहा है। भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति अंतरराष्ट्रीय गति हासिल कर रही है। यूपीआई और रूपे दोनों तेजी से देश के बाहर विस्तार कर रहे हैं।
यूपीआई भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) का विकसित एक भुगतान प्रणाली मंच है। इस मंच के जरिए ग्राहक विभिन्न बैंकों के अपने सभी खातों को ला और रख सकता है। ग्राहक इन खातों के माध्यम से लेन-देन कर सकता है। यूपीआई के जरिए किन्हीं भी दो व्यक्तियों के मध्य स्मार्ट फोन के प्रयोग से खाता संख्या एवं आईएफएस कोड के संयोजन अथवा वर्चुअल पते जैसे भुगतान पहचानकर्ता के माध्यम से निधि अंतरण की सुविधा प्रदान करता है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में यूपीआई सेवा सात देशों में भी उपलब्ध है। इन देशों में यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस के बाजार शामिल हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने 2016 में यूपीआई को लॉन्च किया था। यूपीआई ने कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में एकीकृत कर देश के भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में क्रांति ला दी है।