गाजियाबाद। कर्मचारियों के प्रमोशन के मामले में गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारी बुरी तरह फंस गए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में अवमानना नोटिस जारी किया है। नगर निगम के एक कर्मचारी ने हाईकोर्ट में प्रमोशन प्रक्रिया को चेलेंज किया था।
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निर्माण विभाग में बतौर कार्यवाहक लिपिक अपनी सेवाएं दे रहे विनोद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि 6 अगस्त को उससे जूनियर चौकीदार, गैंगमैन और माली प्रमोट कर दिए गए, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी विनोद को प्रमोट नहीं किया गया। शासन ने रिपोर्ट तलब की इस मामले में शाासन ने रेगुलर किए गए कर्मचारियों राजेश कुमार और देवी शरण शर्मा के मामले में रिपोर्ट तलब की है। विशेष सचिव अमितकुमार सिंह ने गाजियाबाद नगर निगम को पत्र भेजकर पूछा है कि इन कर्मचारियों को किस आधार पर रेगुलर किया गया है। नगर निगम के कर्मचारी महासंघ के कार्यवाहक अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र के द्वारा कुछ दिनों पहले ही कुछ दैनिक वेतन भोगियों को लीक से हटकर रेगुलर किए जाने का मुद्दा उठाया था।
शासन ने स्वास्थ्य विभाग में तैनात लिपिक को रोकड़िया बनाए जाने के संबंध में भी रिपोर्ट तलब की है। नगरायुक्त ने बड़ा फेरबदल किया नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने कई अधिकारी कर्मचारियों के कार्यक्षेत्र बदल दिए हैं। सहायक नगरायुक्त अंगद सिंह को सिटी जोन से विजयनगर जोन भेजा गया है। विजयनगर जोन में तैनात कर अधीक्षक महेंद्र अहिरवार और सिटी जोन में कर निर्धारण अधिकारी अनिल कुमार, दोनों का वसुंधरा जोन में तबादला कर दिया गया है। मोहननगर जोन में तैनात लिपिक रविंद्र कुमार को विजयनगर और विजयनगर जोन में तैनात लिपिक नरेश कुमार को मोहन नगर जोन भेजा गया है। इसके अलावा जलकल विभाग में तैनात कलदीप शर्मा को वसुंधरा जोन में तैनात किया गया है।