सिलीगुड़ी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर पूर्वी भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र है और यहां सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की तैनाती पूरे देश के लिए आश्वासन और विश्वास का कारण है।
शाह ने एसएसबी के 61वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि बल की सतर्कता के कारण, ”हम पूर्वी क्षेत्र में विश्वास का माहौल बनाने में सफल रहे हैं।” उन्होंने कहा कि एसएसबी ने लगभग चार दशकों के बाद बिहार और झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों की गरिमा का सम्मान करते हुए एसएसबी द्वारा नो मैन्स लैंड में 1100 से अधिक अतिक्रमणों को हटाना एक बड़ी उपलब्धि है। शाह ने कहा कि बल ने पिछले तीन वर्षों में सीमा के 15 किलोमीटर के भीतर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाई है और हजारों एकड़ सरकारी भूमि को अतिक्रमण से सफलतापूर्वक मुक्त कराया है।
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इस अवसर पर शाह ने अगरतला के एक एकीकृत चेक प्वाइंट (आईसीपी) और पेट्रापोल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के नवनिर्मित आवासीय परिसर का भी वर्चुअल उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आयुष्मान कार्ड, बैरक, सीएपीएफ ई-हाउसिंग और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं के साथ सीएपीएफ कर्मियों के जीवन को आसान बना रही है। एसएसबी जवान सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार को बढ़ावा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, ”एसएसबी ने सीमावर्ती गांवों की संस्कृति, भाषा और समृद्ध विरासत को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का अनूठा काम किया है।” उन्होंने कहा कि सीमा बल सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने, मादक पदार्थों, हथियारों, वन्यजीवों, वन उत्पादों और जाली मुद्रा की तस्करी को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ी मेहनत कर रहा है।
गृह मंत्री ने देश की सीमाओं की रक्षा करने और पूर्वी क्षेत्र से वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए शहीदों के परिवारों से कहा कि उनके वीर सपूतों के बलिदान ने देश को नया जीवन, ऊर्जा और उत्साह दिया है और पूरे देश को उन पर गर्व है।
शाह ने कहा कि एसएसबी ने भारत के सीमावर्ती गांवों की संस्कृति, भाषा और समृद्ध विरासत को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का अनूठा काम किया है। उन्होंने कहा कि बल ने अपने कर्तव्यों के माध्यम से ”सेवा, सुरक्षा और भाईचारे” के आदर्श वाक्य को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि एसएसबी ने नेपाल और भूटान के साथ विश्वास, विरासत और मित्रता की परंपराओं को आगे बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक सीमा, एक बल की नीति अपनाई थी जिसके बाद एसएसबी को नेपाल और भूटान के साथ सीमा की सतर्कता और सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि 1963 में अपनी स्थापना के बाद से ही एसएसबी ने सीमावर्ती गांवों में देशभक्ति और भारत के प्रति लगाव की भावना पैदा की है।
शाह ने कहा कि देशवासियों को अपनी सच्चाई का भरोसा है क्योंकि एसएसबी के जवान नेपाल और भूटान से लगी 2450 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा पर पहरा दे रहे हैं।