Tuesday, February 4, 2025

संभल में चंदौसी की ऐतिहासिक बावड़ी पर राजा चंद्र विजय सिंह के वंशजों का दावा, प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में चंदौसी के ऐतिहासिक महत्व वाली तीन मंजिला बावड़ी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस बावड़ी पर कई लोग अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं। इस बीच मुरादाबाद की सहसपुर रियासत के पूर्व सांसद राजा चंद्र विजय सिंह और उनके वंशजों ने इसे अपनी पैतृक संपत्ति बताया है। राजा चंद्र विजय सिंह ने इस दावे के लिए किशोर वंदे मातरम को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है।

ओपी राजभर बोले ‘हनुमान जी’ थे ‘राजभर जाति’ के, पाताल से ‘राम लक्ष्मण’ को लाने राजभर ही जा सकते थे !

 

किशोर वंदे मातरम ने कहा कि यह बावड़ी राजा चंद्र विजय सिंह और रानी बीना कुमारी की मिल्कियत है। उन्होंने कहा, “यह बावड़ी हमारे पुरखों, राजा आत्माराम जी, द्वारा 1700 ईस्वी के आसपास बनवाई गई थी। इसे हमारी ऐतिहासिक धरोहर माना जाना चाहिए।”

 

 

 

महोबा में अनुसूचित वर्ग की महिला के साथ सामूहिक बलात्कार, लोगों में भड़का असंतोष

 

किशोर ने यह भी बताया कि वे जिलाधिकारी को एक पत्र सौंपने जा रहे हैं, जिसमें प्रशासन से आग्रह किया जाएगा कि इस बावड़ी पर जो भी अतिक्रमण है, उसे हटाया जाए। उनका कहना है कि “यह हमारी सनातन संस्कृति की निशानी है और इसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।”

मौलाना निकला डिजिटल अरेस्ट गैंग का साझीदार, 60 लाख आये थे मदरसे के खाते में, साथी संग गिरफ्तार

 

किशोर वंदे मातरम ने कहा कि यह बावड़ी पुरातत्व विभाग को सौंप दी जानी चाहिए ताकि इसका सर्वे और सौंदर्यीकरण किया जा सके। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस ऐतिहासिक धरोहर को जनता के सामने लाने के लिए प्रयास किए जाएं।

 

 

पुरातत्व विभाग की एक टीम पहले ही बावड़ी का सर्वे कर रही है। किशोर का दावा है कि यह बावड़ी तीन मंजिला है और इसकी गहराई और निर्माण शैली 18वीं सदी की है।

 

 

पूर्व सांसद राजा चंद्र विजय सिंह ने मीडिया से कहा कि “चंदौसी में मिली बावड़ी हमारे पूर्वजों की संपत्ति है। इसे संरक्षित किया जाना चाहिए और प्रशासन को इसे कब्जामुक्त कराना चाहिए।”

 

 

इस बावड़ी के मिलने के बाद कई लोग इसे अपने पूर्वजों की संपत्ति बताकर दावा कर रहे हैं। जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग इस मामले की जांच में जुटे हैं। प्रशासन का कहना है कि बावड़ी की ऐतिहासिकता और स्वामित्व की पुष्टि पुरातत्व सर्वेक्षण के बाद ही हो सकेगी।

 

 

 

 

किशोर वंदे मातरम ने कहा कि जो लोग इस ऐतिहासिक धरोहर को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें चिह्नित किया जाना चाहिए। उन्होंने सनातन संस्कृति को संरक्षित करने के लिए जनता और प्रशासन से सहयोग की अपील की।

 

 

राजा चंद्र विजय सिंह और उनके प्रतिनिधि ने प्रशासन से यह भी मांग की कि बावड़ी का सौंदर्यीकरण किया जाए और इसे जनता के लिए खोला जाए। उनका मानना है कि यह स्थल न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि क्षेत्र की पहचान भी बन सकता है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,854FansLike
5,486FollowersFollow
143,143SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय