मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य जिले खनिज संपदा से संपन्न हैं। जिला खनिज प्रतिष्ठान के अंतर्गत विकास की गतिविधियों का संचालन इन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। जिलों की आवश्यकता और परिस्थितियों को देखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का निर्धारण किया जाए। मुख्यमंत्री यादव ने आपदा और आकस्मिकता की स्थितियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में एक हेलीपैड विकसित करने की आवश्यकता बताई। जिन जिलों में स्टेडियम नहीं हैं, वहां खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जिला खनिज प्रतिष्ठान के संबंध में बैठक मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुई।
बैठक में उन्होंने कहा कि जिला खनिज प्रतिष्ठान में स्वास्थ्य की देखभाल, पेयजल, शिक्षा, कौशल विकास और पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। जिलों के लिए सुनिश्चित विकास मॉडल बनाकर बेहतर पंचायत भवन, शिक्षण संस्थाओं के प्रांगण, मूलभूत सुविधाओं से युक्त अस्पताल परिसर विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने सभी विधानसभा क्षेत्रों के कॉन्सेप्ट प्लान तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि कार्यों के निर्धारण में विधायकगण की भागीदारी भी बढ़ाई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जिला खनिज प्रतिष्ठान में उपलब्ध संसाधनों से सभी जिलों का संतुलित विकास हो। बैठक में प्रमुख सचिव खनिज उमाकांत उमराव, प्रमुख सचिव योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव वित्त मनीष रस्तोगी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।