कैराना। भारतीय जनता पार्टी का वर्षों से झंडा थामे रहें दिवंगत बाबू हुकुम सिंह की विरासत को जिंदा रखने के लिए विधानसभा व लोकसभा से चुनाव लड़ी मृगांका सिंह को क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं करने पर अनुशासित पार्टी की कार्य प्रणाली व अंदरूनी द्वेष किसी से छिपा नहीं है।
कैराना क्षेत्र के दिग्गज नेता दिवंगत बाबू हुकुम सिंह प्रदेश में दर्जन भर विभागों के मंत्री एवं कैबिनेट मंत्री रहकर क्षेत्र में अनेकों विकास का कार्यों को स्थापित कर क्षेत्र में विकास पुरूष के नाम से जाने जाते है। वही गुर्जर समाज के बड़े नेता के रूप में भारतीय जनता पार्टी में शामिल रहें।गत 3 फरवरी 2018 में हुकुम सिंह ने बीमारी के चलते जेपी हॉस्पिटल नोयडा में अंतिम सांस ली थी। जिसके बाद हुकुम सिंह की विरासत को हराभरा रखने के लिए उनकी पुत्री मृगांका सिंह क्षेत्र में पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रही है। किसान आंदोलन व सपा व लोकदल के पश्चिम में हावी गठबंधन के चलते भी कैराना विधानसभा सीट पर 2022 के चुनाव में भाजपा पार्टी से चुनाव लड़ कर एक लाख से अधिक मत हासिल किए गए थे। वही इसी कारण जनपद की तीनों सीटें गठबंधन की झोली में गई थी। उसके बाद से ही क्षेत्र में आयोजित प्रदेश सरकार व पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में मृगांका सिंह अक्सर आमंत्रित नहीं किया जाता। सीएचसी, ब्लाक व नगरपालिका सहित तमाम स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में दूरी बनाई जाती है। क्षेत्र में चर्चा है कि हुकुम सिंह की राजनीति विरासत को समाप्त करने के लिए स्थानीय नेताओं की सोची समझी एक रणनीति बनाने की चर्चा आम है।
मृगांका सिंह का कहना है कि पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित नहीं किए जाने के कारण वही शामिल नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि अक्सर निमंत्रण नहीं होता जिस लिए वह उपस्थित होने में असमर्थ रहती है।