प्रयागराज। सोशल मीडिया पर की गई गतिविधियों को लेकर लाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी पोस्ट को सिर्फ लाइक करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता। कोर्ट ने कहा कि ‘लाइक करना और पोस्ट को शेयर करना दो अलग चीजें हैं’ और सिर्फ ‘लाइक’ करने पर आईटी एक्ट की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करना) लागू नहीं की जा सकती।
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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि फेसबुक या किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट को ‘लाइक’ करना और ‘शेयर’ करना दो अलग-अलग कार्य हैं। सिर्फ ‘लाइक’ करने मात्र से यह साबित नहीं होता कि व्यक्ति ने उस पोस्ट की सामग्री को साझा करने की मंशा से प्रचारित किया। अतः यह आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत दंडनीय नहीं हो सकता।”
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कोर्ट ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर किसी भी व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सुरक्षित है, जब तक वह कानूनी सीमाओं का उल्लंघन न करे।
आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील, अभद्र या आपत्तिजनक सामग्री का प्रकाशन, प्रसारण या शेयर करना अपराध की श्रेणी में आता है, जिसके तहत आरोपी को 3 से 5 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।