Wednesday, May 21, 2025

चीन : क्वांगतोंग के डॉक्टर की मदद से काश्गर में बच्चे की किडनी बचाई गई

बीजिंग। उत्तर-पश्चिम चीन के शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश के काश्गर जिले में फर्स्ट पीपुल्स हॉस्पिटल के ऑपरेटिंग रूम के बाहर, एक पिता अब्दुलकादर अबुहान ने खुशी और कृतज्ञता के साथ अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उनकी बेटी की दाहिनी किडनी को बचाने का श्रेय दक्षिण-पूर्व चीन के क्वांगतोंग प्रांत से आए डॉक्टर शूए खवेई को जाता है। डॉ. शूए खवेई, जो सन यात-सेन विश्वविद्यालय के सन यात-सेन मेमोरियल अस्पताल में मूत्रविज्ञान विशेषज्ञ हैं, ने अत्याधुनिक तकनीक और दुनिया के सबसे पतले दृश्य पर्क्यूटेनियस नेफ्रोस्कोप का उपयोग कर बच्ची के गुर्दे की पथरी को मात्र 30 मिनट में हटा दिया। सर्जरी के दो दिन बाद ही बच्ची पूरी तरह ठीक हो गई और उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई। इस “अल्ट्रा-मिनिमली इनवेसिव” तकनीक को देखकर स्थानीय डॉक्टर आश्चर्यचकित और उत्साहित थे, क्योंकि ऐसी उन्नत तकनीक उनके लिए नई थी और अब यह उनके क्षेत्र में मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध थी।

2018 में एक शैक्षणिक आदान-प्रदान के दौरान डॉ. शूए खवेई को पता चला कि काश्गर में भौगोलिक परिस्थितियों और खान-पान की आदतों के कारण छोटे बच्चों में मूत्र पथ की पथरी की समस्या आम है। लेकिन स्थानीय स्तर पर सीमित चिकित्सा सुविधाओं और आर्थिक तंगी के कारण कई बच्चे समय पर इलाज नहीं पा रहे थे। इस स्थिति ने उन्हें गहरे तक प्रभावित किया और उन्होंने इन बच्चों की मदद करने का संकल्प लिया। क्वांगतोंग प्रांत, जहां डॉ. शूए काम करते हैं, शिनच्यांग से 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर है। फिर भी, उन्होंने पेइचिंग के चिकित्सा विशेषज्ञों से संपर्क किया, जो शिनच्यांग को सहायता दे रहे थे और अपने अवकाश के समय में काश्गर जाकर बच्चों की मुफ्त सर्जरी करने की योजना बनाई। इस पहल को उनके अस्पताल और क्वांगतोंग प्रांत के विभागों से पूरा समर्थन मिला।

अक्टूबर 2018 में, क्वांगतोंग के कई विभागों ने शिनच्यांग में मूत्र पथरी से पीड़ित बच्चों के लिए मुफ्त निदान, शारीरिक जांच, सर्जरी और जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया। इस परियोजना में कई प्रसिद्ध मूत्रविज्ञान विशेषज्ञ शामिल हुए, जो उन्नत चिकित्सा उपकरण और तकनीक के साथ दक्षिणी शिनच्यांग पहुंचे। पिछले कुछ वर्षों में, डॉ. शूए खवेई और उनकी टीम ने दक्षिणी शिनच्यांग में 96 बच्चों की सफल सर्जरी की। इस जन कल्याण परियोजना के तहत उन्होंने न केवल मरीजों का इलाज किया, बल्कि स्थानीय स्तर पर नियमित शिक्षण, व्याख्यान और मुफ्त चिकित्सा शिविर भी आयोजित किए। उनकी कोशिशों से काश्गर में मूत्रविज्ञानियों का एक समूह प्रशिक्षित हुआ और स्थानीय चिकित्सा सेवाओं का स्तर काफी बेहतर हुआ। डॉ. शूए खवेई के प्रयासों ने साबित किया कि भले ही पहाड़ ऊंचे हों या रेगिस्तान विशाल, प्रेम और एकजुटता की भावना दूरी को मिटा देती है। कठिन परिस्थितियों के बावजूद, सभी जातीय समूहों के लोग दिल से एक-दूसरे के करीब रह सकते हैं।

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