नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत मजबूत और गतिमान राष्ट्र के निर्माण के लिए सुधार के एजेंडे पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि मिलकर काम करने और निवेश के लिए अनेकानेक अवसर बन सकें। आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठकों के मौके पर वाशिंगटन डीसी में उद्योग निकाय फिक्की और यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा आयोजित भारत दशक में निवेश पर एक गोलमेज बैठक में सीतारमण ने नए भारत की वैश्विक स्वीकृति की वास्तविकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एक निवेश गंतव्य के अलावा भारत वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में नई भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के लोग दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में दोगुनी तेजी से प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण को अपना रहे हैं, जिससे प्रभावी रूप से उनका जीवन कहीं अधिक आसान हो गया है।
वित्त मंत्री ने गोलमेज प्रतिभागियों को बताया कि डिजिटलीकरण अभियान में स्थानीय भाषाएं शामिल हैं, जिससे इन भाषाओं में संवाद करने वाले लोग अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं, प्रभाव पैदा कर रहे हैं और संभावनाएं तलाश रहे हैं।
सीतारमण ने आगे जोर देकर कहा कि दुनिया भर में रीसेट की वास्तविकता और कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारत में सुधार की गति बेरोकटोक बनी हुई है।
उन्होंने केंद्र द्वारा 2023-24 के बजट के माध्यम से निर्धारित किए गए कई संरचनात्मक और शासन संबंधी सुधारों के बारे में भी विस्तार से बताया।