Saturday, May 10, 2025

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच गुजरात में ड्रोन और पटाखों पर प्रतिबंध

गांधीनगर। गुजरात सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर पूरे राज्य में सख्त एहतियाती कदम उठाने की घोषणा की है। सुरक्षा प्रोटोकॉल को बढ़ाते हुए 15 मई तक सभी सार्वजनिक और निजी कार्यक्रमों में ड्रोन और पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने शुक्रवार को घोषणा की कि नागरिकों से आधिकारिक दिशा-निर्देशों का पालन करने और अधिकारियों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया गया है। बनासकांठा और पाटन जैसे सीमावर्ती जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है, सरकार ने स्पष्ट किया है कि मई के मध्य तक किसी भी समारोह या समारोह के दौरान ड्रोन के इस्तेमाल या पटाखे फोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस बीच, पड़ोसी राज्य राजस्थान ने भी सुरक्षा बढ़ा दी है।

जैसलमेर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भी इसी तरह का प्रतिबंध लागू किया गया है। इसके अलावा, माउंट आबू में 9 और 10 मई को शाम 7 बजे से 8 बजे के बीच आंशिक ब्लैकआउट रहेगा। पर्यटकों, खासकर गुजरात और आस-पास के राज्यों से आने वाले पर्यटकों को ब्लैकआउट शुरू होने से पहले अपने होटलों में वापस लौटने और निर्धारित समय के दौरान अपनी लाइटें बंद रखने की सलाह दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ फोन पर बात की और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बातचीत का ब्यौरा साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को सीमावर्ती राज्य के रूप में गुजरात की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई और मौजूदा सीमा पार तनाव से निपटने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

कच्छ और बनासकांठा जैसे जिलों में एहतियाती ब्लैकआउट के चलते अधिकारियों ने सार्वजनिक सतर्कता और सुरक्षा सलाह का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता दोहराई है। इस बीच, शिपिंग महानिदेशालय (डीजीएस) ने सभी भारतीय बंदरगाहों, टर्मिनलों और जहाजों को अपने समुद्री सुरक्षा प्रोटोकॉल को तुरंत एमएआरईसी लेवल-1 से एमएआरईसी लेवल-2 में अपग्रेड करने का आदेश दिया है। केंद्र की सलाह के बाद जारी यह निर्देश क्षेत्र में संभावित समुद्री खतरों के खिलाफ सुरक्षा को मजबूत करने के व्यापक राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा है। नए आदेश के तहत, सभी बंदरगाहों, टर्मिनलों और शिपयार्ड को अंतर्राष्ट्रीय जहाज और बंदरगाह सुविधा सुरक्षा (आईएसपीएस) कोड के तहत कड़ी सुरक्षा लागू करनी होगी, जिससे उनकी सुरक्षा स्थिति लेवल 2 तक बढ़ जाएगी।

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