पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं पीटी को रद्द कराने सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके बाद पटना सिविल कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त जमानत दी। इसके बाद प्रशांत किशोर ने घोषणा करते हुए कहा कि मैं पहले भी अनशन पर था, हूं और आगे भी रहूंगा। जनबल के सामने कोई बल नहीं है।
पटना स्थित शेखपुरा हाउस में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट ने हम लोगों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अनकंडीशनल बेल दिया है। ये जनता का समर्थन है। बेऊर जेल में रखने के लिए उन लोगों के पास पेपर ही नहीं था। पेपर के इंतजार में बैठे रहे। तब तक कोर्ट ने हमारे अनुरोध पर संज्ञान लिया और फिर फाइनल निर्णय आ गया। कोर्ट का भी मानना था कि मैंने कोई अपराध नहीं किया है। प्रशांत किशोर ने कहा, “मेरा अनशन जारी था, जारी है, जारी रहेगा। मैं अनशन वापस नहीं ले रहा हूं। आज आधी रात को बैठक होगी, अनशन की जगह तय कर मंगलवार को घोषणा करूंगा। हमलोग बीपीएससी के दोबारा परीक्षा के लिए लीगल रास्ते भी अपनाएंगे।
एक-दो दिनों में पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाऊंगा। आज तमाम मुश्किलों के बावजूद अनशन जारी रखा। हिरासत में भी मैं पानी पीकर ही रहा। किसी भी हाल में हम पीछे नहीं हटेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि बीपीएससी अभ्यर्थियों के लिए उनका अनशन जारी रहेगा। जब तक न्याय नहीं मिल जाता, कोई भी ताकत मुझे नहीं झुका सकती। उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि सोमवार को कई चिकित्सक और पुलिस वाले भी मिले, जो जन सुराज से जुड़े हुए थे। कई पुलिस वालों ने बताया कि वे जन सुराज के साथ पिछले तीन साल से जुड़े हुए हैं। कई पुलिस वाले आज बीपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं। उन पुलिसवालों ने बताया कि हम नौकरी से जुड़े हुए हैं इसलिए बोल नहीं पा रहे, लेकिन हम आपका समर्थन करते हैं।