लखनऊ। भारतीय पत्रकारिता जगत ने आज अपना एक अग्रणी स्तंभ खो दिया। देश के प्रतिष्ठित वरिष्ठ पत्रकार एवं इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (IFWJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. विक्रम राव का आज प्रातः लखनऊ के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे सांस संबंधी तकलीफ़ के कारण कल देर रात्रि अस्पताल में भर्ती कराए गए थे, जहां उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली।
डॉ. राव ने अपने चार दशक से अधिक के पत्रकार जीवन में समाज के हाशिए पर खड़े लोगों—विशेषतः श्रमजीवी पत्रकारों—की बेबाक आवाज़ को बुलंद किया। उन्होंने IFWJ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में न केवल श्रमिक पत्रकारों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता और उच्च मानकों के साथ निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए भी निरंतर समर्थन दिया।
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अपने कैरीयर में 1982 में राइजिंग सिटीज़न पत्रिका से शुरुआत की IFWJ अध्यक्ष: 2014 से 2025 तक तीन बार निर्वाचित हुए, प्रमुख आन्दोलन: ‘पत्रकार साथी सुरक्षा आंदोलन’ में भाग लिया, ‘कम वेतनकार पत्रकार न्याय अभियान’ चलाया और ‘पद्मश्री’ (2020), ‘रामनाथ गोयनका पुरस्कार’ (2012) से नवाजे गए।
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उनका पार्थिव शरीर आज दोपहर 703, पैलेस कोर्ट अपार्टमेंट, निकट कांग्रेस कार्यालय, मॉल एवेन्यू, लखनऊ में अंतिम दर्शनार्थ रखा गया है। वहां से उन्हें शव यात्रा के बाद गुरूवार सुबह कंसवास घाट स्थित श्मशान घाट ले जाया जाएगा।
इस आकस्मिक निधन से पत्रकार समुदाय, उनके सहयोगी एवं अनेक राजनीतिक-विश्लेषणात्मक मंच स्तब्ध हैं। कई वरिष्ठ पत्रकारों ने उन्हें “निष्पक्ष, दिग्गज, सिद्धांतनिष्ठ” बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने भी सोशल मीडिया पर डॉ. राव के योगदान को श्रद्धांजलि दी है।
डॉ. राव का जीवन हमेशा उत्साह, संवाद और स्वतंत्रता की लौ जलाए रखने का संदेश देता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और शोक संतप्त परिवार—पत्नी सुश्री पुनम राव, पुत्र के. निखिल राव एवं पुत्री कीर्ति राव—को यह अपार क्षति सहने की शक्ति दे।
ॐ शांति…