वाराणसी। उत्तर प्रदेश एटीएस ने गुरुवार को वाराणसी से एक बड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए मोहम्मद तुफैल नामक युवक को गिरफ्तार किया है। तुफैल वाराणसी के आदमपुर इलाके का रहने वाला है और पिछले कई महीनों से पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी की पत्नी के संपर्क में था। उससे भारत के संवेदनशील स्थलों की तस्वीरें, धार्मिक स्थलों की जानकारी और देश विरोधी कंटेंट साझा करने के पुख्ता सबूत मिले हैं।
पाकिस्तानी सेना के अफसर की पत्नी से संपर्क में था तुफैल
जांच में सामने आया कि तुफैल फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के फैसलाबाद की रहने वाली नफीसा नाम की महिला से जुड़ा था, जिसके पति का संबंध पाकिस्तानी सेना से है। इस महिला के जरिए ही तुफैल को विभिन्न पाकिस्तानी वॉट्सऐप ग्रुप्स में जोड़ा गया, जहां से उसे भारत विरोधी संदेश और सूचनाएं साझा करने के निर्देश मिलते थे।
देश विरोधी कंटेंट और उकसाने वाले मैसेज करता था शेयर
तुफैल कई वॉट्सऐप ग्रुप्स में ‘गजवा-ए-हिंद’, ‘बाबरी मस्जिद का बदला’, और ‘शरीयत लागू करो’ जैसे संदेश शेयर करता था। इसके साथ ही वह तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी के वीडियो भी प्रचारित करता था, जो पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी संगठन से जुड़ा है।
600 से ज्यादा पाकिस्तानी नंबरों से था संपर्क
एटीएस को तुफैल के मोबाइल से 600 से ज्यादा पाकिस्तानी फोन नंबरों के संपर्क में रहने के प्रमाण मिले हैं। वह इन ग्रुप्स और लिंक को भारत में अपने जानकारों के साथ भी शेयर करता था और उन्हें भी इन ग्रुप्स से जोड़ने की कोशिश करता था।
संवेदनशील जगहों की फोटो और जानकारी भेजी पाकिस्तान
तुफैल ने दिल्ली के राजघाट, जामा मस्जिद, लाल किला, निजामुद्दीन औलिया दरगाह और वाराणसी के नमोघाट, ज्ञानवापी परिसर की तस्वीरें और विवरण पाकिस्तान भेजे थे। इन स्थलों को निशाना बनाने की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता। जांच एजेंसियां अब इन स्थानों की सुरक्षा में और सतर्कता बरत रही हैं।
पूछताछ में हुए और भी बड़े खुलासे
तुफैल के मोबाइल से भारत के गोपनीय दस्तावेज, स्मारकों की तस्वीरें, और आंतरिक सूचनाएं भी मिली हैं। एटीएस ने उसे लखनऊ में दर्ज एफआईआर के आधार पर वाराणसी से गिरफ्तार किया और आदमपुर थाने में औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सीक्रेट लोकेशन पर शिफ्ट करके पूछताछ शुरू की।
पिछले दो महीनों में तीसरा बड़ा जासूसी केस
यह मामला पिछले कुछ समय में यूपी एटीएस द्वारा पकड़े गए तीसरे पाकिस्तानी जासूस का है। इससे पहले:
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18 मई को मुरादाबाद में शहजाद नामक युवक को पकड़ा गया, जो ISI के कहने पर भारतीय एजेंट्स को पैसे देता था और पाकिस्तान से सामानों की अवैध तस्करी करता था।
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14 मार्च को फिरोजाबाद में रवींद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया, जो ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करता था और हनीट्रैप के जरिए ISI के संपर्क में आ गया था।
देश में पाकिस्तानी नेटवर्क की गहराई चिंताजनक
तुफैल की गिरफ्तारी ने एक बार फिर इस बात को उजागर कर दिया है कि पाकिस्तान लगातार भारत के अंदर धार्मिक और सामरिक स्थलों की जासूसी कराने की साजिश कर रहा है। तुफैल जैसे एजेंट स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी संगठनों से जोड़ने और भारत विरोधी मानसिकता फैलाने की कोशिश में लगे हैं। अब एटीएस और खुफिया एजेंसियां तुफैल के लोकल नेटवर्क और फंडिंग सोर्स का पता लगाने में जुटी हैं।