Monday, December 23, 2024

भाजपा मेयर पद के उम्मीदवार का नाम सामने आते ही फूटे विराेध के स्वर

झांसी – उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की झांसी नगर निगम की सीट राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम है और इस सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व मंत्री और विधायक रह चुके बिहारी लाल आर्य पर दांव लगाया है।

पार्टी के कल देर शाम झांसी मेयर पद के उम्मीदवार के नाम का खुलासा किया गया। इस खुलासे के बाद ही विरोध के स्वर सुनायी देने लगे थे जो आज काफी तेज हो गये। विरोध न केवल मेयर पद को लेकर बल्कि वार्ड पार्षदों के नाम पर सुनायी दे रहा है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गयी थी जिस पर इसी पार्टी की सदस्य और पूर्व महापौर रह चुकीं किरण राजू बुकसेलर से भी अपनी दावेदारी पेश की थी।

पूर्व महापौर का कहना है कि पार्टी ने झांसी नगर निगम पद के लिए मऊरानीपुर के व्यक्ति का नाम आगे किया । उन्होंने सवाल किया कि क्या झांसी में पार्टी का कोई कार्यकर्ता या नेता इस लायक नहीं था कि उसे झांसी की जनता की सेवा करने का मौका दिया जाए। पार्टी के इस फैसले पर उन्होंने भारी विरोध जताते हुए कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हैं और झांसी की जनता की सेवा के लिए समर्पित इस महत्वपूर्ण पद पर निदर्लीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने जा रहीं हैं।

उन्होंने कहा कि अपने पिछले कार्यकाल में जब सत्ता पर समाजवादी पार्टी का शासन था तब उन्होंने जीत हासिल की और महानगर के लोगों की सेवा को अपना पूरा कार्यकाल समर्पित किया । तब विरोध पार्टी का नकारात्मक माहौल होने के बावजूद उन्होंने स्थानीय स्तर पर काम किया और इसी कारण नगर की जनता उन्हें पहचानती और पसंद करती है। उसी जनता की मंशा है कि वह फिर से मैदान में उतरे क्योंकि वह पहले भी जन कल्याण के कार्यों को बखूबी अंजाम दे चुकी है। जनता के प्यार और विश्वास तथा अपने शासनकाल के दौरान किये गये महत्वपूर्ण कार्यों के बल पर वह निदर्लीय उम्मीदवार के रूप में मेयर पद पर अपना पर्चा दाखिल करने जा रहीं हैं।

इतना ही नहीं कई वार्डों से भी घोषित उम्मीदवारों के नामों पर विरोध सुनायी दे रहा है। पार्टी कार्यकर्ता ही पैसा लेकर टिकट बेचने जैसे आरोप भी लगा रहे हैं। बागियों के पार्टी से इस्तीफा देने का क्रम भी शुरू हो चुका है।

ऐसे माहौल में यह देखना रोचक होगा कि इस बार भाजपा, पार्टी के अंदर से ही पुरजोर उठ रहे विराेध के स्वरों को कैसे शांत करती है और फिर विपक्षी पार्टियों से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाती है। यह सीट भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों के नाम और इस सीट के जातीय गणित को देखते हुए भाजपा के लिए इस बार जीत की डगर बहुत आसान नजर नहीं आ रहीं है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय