Monday, November 25, 2024

ऐसी वाणी बोलिए…

जिह्वा सरस्वती का निवास स्थल है। उसमें मृदुल मधुर हितकर सत्ययुक्त, सद्भावना पूर्ण वचन बोले जायेंगे तो अमृत की बूंदों की तरह लोग उन्हें ग्रहण करने को लालायित रहेंगे। प्रकाश ग्रहण करेंगे। भीतर की दुर्भावनाओं को समाप्त कर अपनी पवित्रता की अभिवृद्धि करने में सक्षम होंगे।

ऐसे वचन कभी न बोले जाएं जो किसी के हृदय को पीड़ा देने वाले हों, मन में चुभने वाले हों। उनसे शत्रुता ही बढ़ेगी। शरीर में लगे घाव तो शीघ्र ठीक हो जाते हैं, कुछ समय अधिक भी ले सकते हैं, परन्तु कटु वाणी के कारण हृदय में बना घाव इस जीवन में कभी नहीं भरता, बल्कि समय के साथ अधिक हरा हो जाता है, इसलिए जब भी बोलो प्रिय बोलो। कटु वचन चाहे सत्य भी हो, कभी न बोले जाएं।

इसीलिए कहा गया है, ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय, ओरन को शीतल करे आपो शीतल होये।

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