मुज़फ्फरनगर। भूमाफियाओं के कब्जे से जमीन छुड़ाने एवं दोषियों को सजा दिलवाए जाने को लेकर पीड़ितों ने पुलिस प्रशासन से इंसाफ को गुहार लगाई है। पीड़ितों का कहना है कि अपनी जमीन होने के बाद भी उस पर मालिकाना हक जताने को दूसरे लोगों की इजाजत लेनी पड़ रही है, मगर अफसोस है कि फिर भी जमीन पर मालिकाना हक नहीं जता पा रहे हैं। भू माफियाओं से त्रस्त रामपुरी निवासी पीड़ितों ने मीडिया सेंटर के पत्रकारो से वार्ता कर ज़िला प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाई है।
पीड़ित अंकित गुर्जर का कहना है कि अब इसे भूमाफियाओं को सफेद पोश का संरक्षण मिलना कहे या फिर योगी के खाकी धारियों की अपराधियों पर शिंकजा कसने में नाकामी, जिस कारण आज भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से गरीबों की जमीनों पर कब्जा करने का सिलसिला चल रहा है। आरोप है कि प्रदेश में काबिज भाजपा की योगी सरकार में भी भूमाफियाओं द्वारा बिना किसी डर के अपराध को बढ़ावा दिया जा रहा है। आरोप है कि पुलिस में शिकायत करने पर भूमाफियाओं ने जान से मारने की धमकी दी है।
आरोप है कि भूमाफियाओं द्वारा पीड़ितों को परिवार सहित झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल की हवा खिलाने की धमकी भी कई मर्तबा दी जा चुकी हैं, जिससे पीड़ित परिवार डरा एवं सहमा हुआ है। पीड़ित अंकित गुर्जर ने पुलिस प्रशासन को जल्द हीं भूमाफियाओं पर कार्यवाही न होने के कारण आत्म दाह करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि कई बार इसकी शिकायत सरकारी दफ्तरों में भी की जा चुकी है मगर अधिकारियों के सर से जूं तक नहीं रेंगी जिस कारण भू माफिया के हौसले बुलंदियों को छू रहे हैं।
आरोप है कि यदि अधिकारी द्वारा समय रहते कार्यवाही की जाती तो आज अपनी ही जमीन के लिए दर-दर न भटकना पड़ता, मगर सरकारी दफ्तरों में बैठे अधिकारियों को जनता की पीड़ा दिखाई नहीं देती। ऐसा नहीं है कि सरकारी दफ्तरों में बैठे अधिकारियों को सही और गलत का आकलन करना नहीं आता, मगर सरकारी दफ्तरों में बैठे अधिकारी भी भू माफियाओं के हाथों की कठपुतली बन चुके है जो उनके इशारों पर नाच रहे है। प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया सेंटर पर अंकित गुर्जर, जावेद, साबिर, अकील राजपूत, मुकेश गुर्जर, इरशाद राय एवं नाजिम आदि उपस्थित रहे।