नई दिल्ली। खुद को एम्स की जूनियर रेजिडेंट बताकर जल्दी इलाज कराने के नाम पर लोगों से ठगी करने के आरोप में 27 वर्षीय एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने महिला के नाम का खुलासा नहीं किया है। महिला बरेली से माइक्रोबायोलॉजी में बीएससी स्नातक और मास्टर इन फॉरेंसिक साइंस है।
दक्षिण दिल्ली के डीसीपी चंदन चौधरी ने कहा कि महिला को फोरेंसिक का ज्ञान है, उसने डॉक्टर की तरह दिखने के लिए एक सफेद कोट खरीदा, जिस पर फोरेंसिक और टॉक्सिकोलॉजी डिपार्टमेंट में ‘जूनियर रेजिडेंट’ लिखा हुआ था। वह पैसे कामाने के लालच में एम्स अस्पताल में जल्दी इलाज कराने के नाम पर लोगों से ठगी करती थी।
मामला 18 अप्रैल को तब सामने आया, जब हौजखास थाने में हरिद्वार के एक निवासी ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि वह 21 मार्च को अपनी बेटी के इलाज के लिए एम्स अस्पताल आया था और सफेद कोट पहनी हुई एक महिला से मिला। महिला ने खुद को जूनियर रेजिडेंट बताया था।
डीसीपी ने कहा कि महिला ने खुद को एम्स के डॉक्टर के रूप में पेश किया और जल्दी से इलाज के बहाने उसे लुभाया और यूपीआई के माध्यम से उससे 96,000 रुपये ले लिए। बाद में आरोपी ने उसे 10 दिन बाद आने को कहा, लेकिन उसके बाद आरोपी ने शिकायतकर्ता की कॉल को अनसुना करना शुरू कर दिया।
जांच के दौरान सघन तलाशी के बाद आरोपी महिला को पकड़ लिया गया। महिला एम्स ओपीडी के पास डॉक्टर का कोट पहने हुए थी और उस पर उसका नाम भी लिखा था।
अधिकारी ने कहा कि पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके अलावा, इस अपराध में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। ठगी गई राशि बरामद करने की कोशिश की जा रही है।