मेरठ। केंद्र सरकार ने 2000 रुपए बंद करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने 30 सितंबर तक का समय दिया है। केंद्र के इस फैसले से तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मेरठवासियों ने केंद्र के इस फैसले को सकारात्मक बताया है। मेरठ के व्यापारियों ने 2000 रुपए के नोट बंदी का स्वागत किया है।
मेरठ के व्यपारी अमित कन्नौजिया ने कहा, ‘ सरकार के इस नोटबंदी निर्णय से आम लोगों को कोई परेशानी नहीं हैं। उन्होंने कहा इससे जमाखोरों को परेशानी होगी। उन्होंने कहा 2000 रुपए के नोट बंद होने से टेरर फंडिग पर रोक लगेगी। काला धन जिनके पास है। उनको नोटबंदी से झटका लगेगा। उन्होंने कहा आम व्यापारी को केंद्र सरकार के इस निर्णय से कोई परेशानी नहीं होगी।
अमित ने कहा सरकार के इस फैसले से अब देश में डिजिटल करेंसी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा जिस समय 2016 में नोटबंदी हुई थी। उस दौरान भी कहा गया था इससे बहुत नुकसान होगा। लेकिन आज भारत विश्व में तीसरे नंबर की बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
भष्टाचार के लिए नोटबंदी की कोई वैल्यू नहीं
वरिष्ठ अधिवक्ता जसपाल सिंह का कहना है कि नोटबंदी ठीक फैसला है। उन्होंने कहा सरकार ने जिस समय 2016 में 2000 के नए नोट जारी किए थे। उस दौरान आरबीआई ने साफ कहा था कि ये नोट साढे छह साल बाद बंद कर दिए जाएंगे। आरबीआई के सर्कुलर में साफ लिखा है कि 2000 रुपए के नोट सिर्फ साढ़े छह साल के लिए चलन में रहेंगे। उन्होंने कहा भ्रष्टाचार के लिए नोट बंदी की कोई वैल्यू नहीं है। इसके लिए लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी।
अधिवक्ता अजय गर्ग का कहना है सरकार का 2000 रुपए के नोटबंदी का निर्णय ठीक है। इससे आम लोगों पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा सरकार ने जो 30 सितंबर तक का समय दिया है। वह काफी है। उन्होंने कहा आम लोगों के पास कितने 2000 के नोट होंगे। इससे तो बड़े लोगों को परेशानी होनी है।