नयी दिल्ली-लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का हिंडनवर्ग के मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति बनाने की माँग को लेकर हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
आज सुबह सदन की कार्यवाही एक बार स्थगन के बाद जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने नारबाजी शुरू कर दी। पीठासीन अधिकारी डॉ किरीट प्रेमभाई सोलंकी ने सदस्यों को अपने अपने स्थान पर बैठने की अपील की।
इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी सदस्यों से सदन चलाने के लिए सदस्यों से शांति बनाने का आग्रह किया। श्री जोशी ने कहा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद चर्चा होने की परंपरा रही है इसे बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है।
डॉ. सोलंकी ने कहा कि सरकार जवाब देने के लिए तैयार है इसलिए सभी को चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए। सदस्यों को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करना चाहिए। पीठासीन अधिकारी के बार बार आग्रह के बावजूद हंगामा नहीं रुका जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में सोमवार को अमेरिकी शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की अडानी समूह पर आयी रिपोर्ट के मद्देनजर पूरे मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्न काल नहीं हो सका और अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही पहले अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।
लोकसभा में पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो श्री बिरला ने सदस्यों को बताया कि श्री वांगचुक नामग्याल के नेतृत्व में भूटान का एक शिष्टमंडल सदन की कार्यवाही के अवलोकन के लिए विशिष्ट जन दीर्घा में माैजूद है। उन्होंने शिष्ट मंडल का स्वागत करते हुए कहा कि वह भूटान के उनकी भारत की सुखद यात्रा की कामना करते हैं।
श्री बिरला ने इसके बाद जैसे ही प्रश्न पूछने के लिए सदस्य का नाम पुकारा,कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीचोबीच आकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर नारेबाजी और हंगामा करने लगे। वह पूरे मामले की जेपीसी से जांच कराये जाने की मांग भी कर रहे थे। विपक्षी सदस्य बीच-बीच में नारे भी लगा रहे थे।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से कहा कि सदन का यह सत्र बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होनी है, और अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्य होने हैं। सुनियोजित तरीके से सदन की कार्यवाही इस तरह स्थगित कराना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता के बुनियादी सवालाें पर यहां चर्चा होनी चाहिए, लेकिन हंगामा करके सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करायी जा रही है। जनता सब देख रही है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य उनके चैम्बर में आयें, वह चर्चा और संवाद का मौका देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पुरानी पार्टी है, उसका इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है। सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का बार-बार आग्रह करने का जब कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।