नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक दक्षिणपंथी समूह द्वारा ‘आदिपुरुष’ से कथित आपत्तिजनक ²श्यों को हटाने या सुधारने के निर्देश की मांग वाली याचिका की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। ओम राउत द्वारा निर्देशित फिल्म 16 जून को देश भर में रिलीज हुई और जनहित याचिका के रूप में दायर याचिका में दावा किया गया है कि फिल्म के पात्र हिंदू महाकाव्य रामायण में इन धार्मिक शख्सियतों के चित्रण से अलग हैं।
याचिकाकर्ता, हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वकील ने याचिका को बुधवार या शुक्रवार को सूचीबद्ध करने की मांग की, जिसे शुरू में 30 जून के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
वकील ने कहा, मैं याचिका को आज या शुक्रवार को सूचीबद्ध करने की मांग कर रहा हूं, क्योंकि फिल्म में कई विवादास्पद ²श्य हैं।
वकील ने आगे तर्क दिया, जब फिल्म का टीजर रिलीज किया गया तो हंगामा हुआ। निर्देशक ने कुछ हिस्सों को हटाने का वादा किया, लेकिन इसे नहीं हटाया गया। इसी तरह जब फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ तो यह फिर से हुआ, उन्होंने फिर से वादा किया। वर्तमान में यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी प्रभाव डाल रहा है। यहां तक कि नेपाल ने भी फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है।
हालांकि, जस्टिस तारा वितस्ता गंजू और अमित महाजन की अवकाश पीठ ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति गंजू ने मौखिक रूप से टिप्पणी की, आप को फिल्म की रिलीज के बारे में पहले से ही अच्छी तरह पता है। अगर यह पहले ही रिलीज हो चुकी है तो आप क्या रोक रहे हैं?
जनहित याचिका 1952 के सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के तहत फिल्म को दिए गए प्रमाणन को भी चुनौती देती है और इसमें निर्देशक, निर्माता और आधिकारिक पार्टियों को उत्तरदाताओं के रूप में नामित किया गया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म गलत और अनुचित तरीके से धार्मिक चरित्रों को पेश करके हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है जो महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास जैसे लेखकों की कृतियों के विवरणों के खिलाफ है।
याचिका में तर्क दिया गया है कि फिल्म में रावण (सैफ अली खान द्वारा अभिनीत) और भगवान हनुमान जैसे पात्रों का चित्रण भारतीय सभ्यता से पूरी तरह से अलग है।
याचिका में आरोप लगाया गया है, फिल्म में सैफ अली खान द्वारा निभाए गए रावण के चरित्र का दाढ़ी वाला लुक हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत कर रहा है क्योंकि हिंदू ब्राह्मण रावण को गलत तरीके से भयानक चेहरा बनाते हुए दिखाया गया है जो हिंदू सभ्यता, हिंदू धार्मिक हस्तियों, मूर्तियों, आदशरें, आदि का घोर अपमान है।
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि हिंदू धार्मिक चरित्रों के गलत चित्रण ने रामानंद सागर के ‘रामायण’ में इन पात्रों को चित्रित करने वाले अभिनेताओं सहित देश भर से आलोचना और नाराजगी को जन्म दिया है।
याचिका में दावा किया गया है, हेयर स्टाइल, दाढ़ी, मूंछें और पहनावे सहित दिखावे को उन महाकाव्यों में बनाई गई छवि के अनुसार अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है। फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों और अभिनेताओं द्वारा इन छवियों में कोई भी बदलाव निश्चित रूप से उपासकों, भक्तों और धार्मिक आस्था वालों की भावनाओं को आहत करेगा।
फिल्म में भगवान राम, सीता और रावण की प्रमुख भूमिकाओं में क्रमश: प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान हैं।