नई दिल्ली। राजीव गांधी कैंसर संस्थान (आरजीसीआई) ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह एक मार्च से अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में 25 प्रतिशत और आंतरिक रोगी विभाग (आईपीडी) में 10 प्रतिशत तक गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, आरजीसीआई के वकील ने एक जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष यह बयान दिया। एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि संस्थान ने पिछले दो दशकों (20 सालों) में गरीब मरीजों का फ्री इलाज नहीं किया है।
अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से एनजीओ ने यह भी जिक्र किया था कि 2007 में हाईकोर्ट और 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन अस्पतालों को रियायती दरों पर जमीन आवंटित की गई थी, उन्हें गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज देना होगा।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने संस्थान को बाद के स्टैंड को रिकॉर्ड पर लेने और मामले का निपटारा करने के बाद इसे पूरा करने का निर्देश दिया। बेंच ने कहा, अस्पताल को ओपीडी में 25 प्रतिशत और आईपीडी में 10 प्रतिशत तक ईडब्ल्यूएस मरीजों का फ्री इलाज करने का आदेश दिया जाता है। याचिका का निस्तारण किया जाता है।