मुजफ्फरनगर। मिलावटखोरी के आरोपों का सामना करने वाले लोगों के खिलाफ अपर जिला मजिस्ट्रेट नरेन्द्र बहादुर सिंह ने 23 मिलावटखोरों के खिलाफ चल रहे मुकदमों का निस्तारण करते हुए उन पर 9.14 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया है।
इसके साथ ही अभी तक उनके द्वारा करीब दो सौ मामलों का निस्तारण करते हुए मिलावटखोरों के मामले में 38.32 लाख का जुर्माना लगाया जा चुका है। इनमें से अधिकांश से जुर्माना राशि वसूलने के लिए उनकी आरसी खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा तहसीलों को भेजी जा चुकी है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त द्वितीय डॉ. चमनलाल ने बताया कि अपर जिला मजिस्ट्रेट और न्याय निर्णायक अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने माह जनवरी 2023 में खाद्य वस्तुओं में मिलावट करने के आरोप में दायर 23 वादों को निस्तारित करते हुए मिलावटखोरों पर 9 लाख 14000 रुपए का अर्थदण्ड लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अन्तर्गत खाद्य पदार्थों के नमूने संग्रहित कर जांच के लिए खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट आने पर हुई कार्रवाई जांच के बाद खाद्य पदार्थों में मिलावट की पुष्टि खाद्य विश्लेषक द्वारा की गई थी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट प्राप्त करने के उपरान्त अपर जिलाधिकारी, प्रशासन, न्याय निर्णायक मजिस्ट्रेट प्रशासन के न्यायालय द्वारा माह जनवरी 2023 में 23 वादों को निस्तारित कराते हुए मिलावटखोरों पर 9 लाख 14000 रुपए का अर्थदण्ड लगाया गया।
इनमें मिश्रित दूध, गाय और भैंस का दूध, पनीर, पीली सरसों का तेल, बत्तीसा, वेजिटेबल आयल, मुर्गे का मांस, खोया और नमकीन के नमूने फेल आए थे। जिन मिलावटखोरों पर जुर्माना लगाया गया है।
उनमें अंतर पाल सैनी पुत्र नरेन्द्र सैनी पर पनीर में मिलावट पाये जाने पर 1.60 लाख रुपए का जुर्माना किया गया है, जबकि रहीस पुत्र रफीक, जुबैर आलम पुत्र नफीस आलम पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जुबैर पर दो अलग-अलग नमूने फेल आने पर एक-एक लाख के दो जुर्माने किए गए हैं।