मुजफ्फरनगर। जनपद में मंगलवार को उन्नत फाउंडेशन ने टीबी मरीज 20 बच्चों को गोद लिया। इस दौरान फाउंडेशन ने बच्चों को पोषण सामग्री प्रदान की। इस अवसर पर बच्चों की काउंसलिंग भी की गई जिसमें उन्हें पोषण और दवा का महत्व बताया गया। कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक, डॉ. नदीम, व संस्था के अध्यक्ष रोहित खत्री समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया – यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के सम्पूर्ण उपचार से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर यह गंभीर रूप लेकर मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है। टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हों इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई मरीजों का नियमित फॉलोअप कर रही है। टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे खाते में भेजे जाते हैं।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक ने बताया – क्षय रोग लाइलाज नहीं है। समय से जांच और इलाज हो जाए तो मरीज़ जल्द स्वस्थ होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है, अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी हो, बुखार हो, बलगम में खून आ रहा हो, उसका वजन कम हो रहा हो तो देर न करें अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं और उचित इलाज लें जिससे टीबी को हराया जा सके।
डॉ. नदीम ने बताया – गोद लिए गए 20 बच्चों की काउंसलिंग की गई। उन्हें बताया गया कि किसी भी परिस्थिति में इलाज अधूरा न छोड़ें, समय से सभी टेस्ट कराएं और नियमित दवा का सेवन करते रहे।
संस्था के अध्यक्ष रोहित खत्री ने कहा – प्रधानमंत्री के वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के लिए मुजफ्फरनगर को टीबी मुक्त बनाने को कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। इन सार्थक प्रयासों से मुजफ्फरनगर को टीबी मुक्त करने के लक्ष्य को वर्ष 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने उद्योगपतियों, शैक्षिक संस्थानों, सामाजिक संस्थाओं, गैर-सरकारी संगठनों और निर्वाचित प्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि वह इस पुनीत कार्य से जुड़ें और टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषाहार एवं उनके परिजनों को भावनात्मक एवं सामाजिक सहयोग उपलब्ध करने के लिए आगे आएं।