बागपत । उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में प्रशासन की चूक ने यूपी से लेकर दिल्ली तक कोहराम मचा दिया है। जिला बागपत, गाजियाबाद और दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारी पानी रोकने में जुटे हैं। जिला प्रशासन ने इसे अपनी चूक मानते हुए गलती स्वीकार की है। सिंचाई विभाग के कर्मचारी और मजदूरों को टूटे बांध को दुरुस्त करने में लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने लापरवाही की जानकारी होने पर बागपत प्रशासन को फटकार लगाई है।
बागपत जिले के सुभानपुर गांव के पास अलीपुर बांध के टूट जाने से सुभानपुर, सुंगरपुर, अल्लीपुर, गाजियाबाद जिले के ट्रॉनिका सिटी से लेकर लोनी और दिल्ली तक बाढ़ का खतरा बन गया। जगह-जगह जलभराव हो जाने के आवागमन बन्द हो गया। घरों में पानी आ जाने से ग्रामीणों को पलायन करने को विवश होना पड़ा हैं।
जिलाधिकारी बागपत ने स्वीकार किया है कि यह बागपत प्रशासन के अधिकारियों की चूक है इनकी लापरवाही के कारण बांध को समय से नहीं रोका जा सका। प्रशासन अभी बांध को रोकने में जुटा है उसके बाद ही लापरवाह कर्मचारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तय की जाएगी।
जिलाधिकारी जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पानी की स्थिति कुछ कम हुई है। जल्द टूटे बांध को रोक दिया जाएगा। गाजियाबाद व बागपत जिले की टीमें इसे रोकने में लगी है। मुख्यमंत्री द्वारा स्थिति की जानकारी लेकर निर्देश दिए गए हैं जिन पर कार्य किया जा रहा है। अभी कोई विस्थापन नहीं हुआ है, कोई मानव हानि या पशु हानि भी नहीं हुई है।