भोपाल। प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी भाग में सक्रिय मानसून के कारण बारिश का सिलसिला जारी है। बैतूल में ताप्ती नदी पर बने दो बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण बुरहानपुर में ताप्ती उफान पर है और सभी घाट डूब गए हैं। इधर, मौसम विभाग ने रविवार को प्रदेश 17 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, इनमें से 7 जिलों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश होगी।
मध्यप्रदेश में एक जून से अभी तक औसत से पांच फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। इनमें प्रदेश के पूर्वी हिस्से में सात फीसदी कम और पश्चिमी हिस्से में 17 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। शनिवार को सीधी और दमोह में तेज बारिश हुई। नौ घंटे के भीतर यहां आधा इंच से ज्यादा पानी गिर गया। सागर, उमरिया, जबलपुर, मलाजखंड, उज्जैन और भोपाल में भी बारिश हुई। बैतूल में ताप्ती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के चलते नदी पर बने पारसडोह डैम के दो गेट एक मीटर और चंदोरा डैम के सभी गेट 31 जुलाई तक के लिए खोल दिए गए हैं। इससे बुरहानपुर में नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और ताप्ती के सारे घाट डूब गए हैं।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एच.एस. पांडे ने बताया कि पिछले दो दिनों से मानसून की गतिविधियां दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी मध्यप्रदेश में चल रही हैं। इसके चलते इन इलाकों में मध्यम से तेज बारिश हो रही है। जल्द ही ये दौर थम जाएगा, लेकिन पांच अगस्त से पूरे प्रदेश में फिर तेज बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में सागर, बालाघाट, मंडला, सिवनी, डिंडोरी, सतना और रीवा में गरज चमक के साथ भारी बारिश की आशंका जताई है। जबकि अशोकनगर, सिंगरौली, सीधी, अनूपपुर, शहडोल, छिंदवाड़ा, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ में भारी बारिश होगी। इसके साथ ही भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर और निवाड़ी में हल्की बारिश हो सकती है।