मेरठ। बाढ़ के पानी से दर्जनों गांव टापू बन गए हैं। वहीं, घरों में पानी घुसने से लोग भयभीत हो गए हैं।
बिजनौर बैराज से छोड़े तीन लाख 90 हजार क्यूसेक पानी से हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों की हालत नाजुक हो गई हैं। गंगा का पानी गांव की गलियों तक पहुंच गया है, जिससे हजारों लोगों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो रहा है।
बुधवार को हरिद्वार के भीम गौड़ा बैराज और बिजनौर बैराज पर जलस्तर में भारी वृद्धि दर्ज की गई थी। वहीं इससे पहले मंगलवार को पानी ने खादर क्षेत्र के दर्जनों गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। वहीं, हरिपुर, दबखेड़ी, कुन्हेड़ा, रठौरा कला, लतीफपुर, किशनपुर, भीमकुंड, दुधली आदि दर्जनों गांव के घरों में पहुंच गया है। घरों में बाढ़ का पानी पहुंचने से ग्रामीण पूरी तरह डरे सहमे हुए हैं और अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
उधर, दर्जनों गांवों के संपर्क मार्ग आपस में पूरी तरह बंद हो गए हैं। घरों में पानी भरने से ग्रामीण घरों की छतों पर या अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए निकल रहे हैं। सुबह से गांव की ओर गंगा का पानी बढ़ता दिखाई दे रहा है, जिससे ग्रामीण पूरी तरह भयभीत है। वहीं, प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए पुख्ता तैयारी के दावे कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि 13 बीती जुलाई को आई बाढ़ का पानी कई गांवों तक पहुंचा था। लेकिन अधिकतर गांव बाढ़ से सुरक्षित बच गए थे। अब बुधवार से दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गए तो कई गांव में पानी भर गया है। जिससे यहां ग्रामीणों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो रहा है।
ग्रामीण गंगा का जलस्तर जानने के लिए लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। हालांकि हरिद्वार से गंगा के जलस्तर में कुछ गिरावट दर्ज की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि गंगा की इस बाढ़ ने उन्हें पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। अब इस बाढ़ में ऊंचे स्थानों पर खड़ी फसल भी बर्बाद हो गई है।