अमेठी,। अमेठी जिले के मुंशीगंज में स्थापित संजय गांधी चिकित्सालय के सीईओ सहित चार लोगों के खिलाफ इलाज में लापरवाही के कारण गम्भीर धारा में मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा मुंशीगंज थाने में दर्ज किया गया है। अस्पताल परिसर में भारी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवान तैनात हैं।
मुंशीगंज थाना क्षेत्र के रामशाहपुर गांव की 22 वर्षीय युवती दिव्या की 14 सितंबर को पथरी के ऑपरेशन के लिए दौरान इंजेक्शन लगाये जाने के बाद हालत गंभीर हो गई थी जिसे बाद में लखनऊ रेफर कर दिया गया था। 16 सितंबर को लखनऊ में दिव्या की मौत हो गई थी। 16 सितंबर की शाम दिव्या के परिजनों ने शव को संजय गांधी अस्पताल के गेट पर रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल अस्पताल गेट और परिसर में तैनात रहा। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद परिजनों ने प्रदर्शन समाप्त किया।
संजय गांधी अस्पताल के सीईओ अवधेश शर्मा, जनरल सर्जन डॉ मो रजा, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ सिद्दीकी, फिजिशियन डॉ शुभम द्विवेदी के खिलाफ मुंशीगंज थाने में इलाज में लापरवाही की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मुंशीगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक अखंड देव मिश्रा ने यह जानकारी दी। धरना आज सुबह चार बजे एफआईआर दर्ज होने के बाद समाप्त हो गया।
दिव्या के पति अनुज शुक्ला का आरोप है जब उन्होंने अपनी पत्नी को अस्पताल में ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया तो पूरी तरह वह ठीक थी सभी जांचे नॉर्मल थी उनकी पत्नी को एनेस्थीसिया का ओवरडोज इंजेक्शन देने से हालत बिगड़ी और मौत हो गई। उनकी पत्नी जब संजय गांधी अस्पताल में थी तो आईसीयू में गंभीर हालत के दौरान उसे हार्ट अटैक भी हुआ और नाक से खून आया था।
इस अस्पताल की शिलान्यास 01 सितंबर 1982 को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने की थी, इसका संचालन संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट नई दिल्ली के द्वारा किया जाता है। 350 सैया वाले इस चिकित्सालय को स्वः राजीव गांधी ने अमेठी की जनता को समर्पित किया था।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने संजय गांधी अस्पताल परिसर की लापरवाही से महिला मरीज की मौत के मामले में ट्वीट किया है। कहा कि संजय गांधी अस्पताल मुंशीगंज अमेठी में डॉक्टर की लापरवाही के चलते महिला मरीज की मृत्यु होने संबंधी प्रकरण का तत्काल संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिए गए आदेश के क्रम में सीएमओ अमेठी द्वारा तत्काल तीन सदस्यीय कमेटी से प्रारंभिक जांच कराई गई। चिकित्सालय प्रशासन को क्लीनिकल एक्ट के अंतर्गत स्पष्टीकरण हेतु नोटिस निर्गत करने के आदेश दिए गए हैं।