नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार सुपरटेक कंपनी के मालिक आरके अरोड़ा के खिलाफ ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। एडिशनल सेशंस जज देवेंद्र कुमार जांगला ने आरके अरोड़ा के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर 30 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
कोर्ट ने आरके अरोड़ा की कंपनी सुपरटेक लिमिटेड के अलावा नेहा तलरेजा, मेसर्स सर्व रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एएसपी सरीन रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स पलास बिल्डिंग सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, गुडटाइम बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स दामोदर बिल्डइंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड, दून वैली टेक्नोपॉलिस प्राइवेट लिमिटेड और आरके अरोड़ा फैमिली ट्रस्ट को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने आरके अरोड़ा की ओर से दाखिल वैधानिक जमानत याचिका पर 4 अक्टूबर को सुनवाई का आदेश दिया। वैधानिक जमानत याचिका पर ईडी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। 22 जुलाई को पटियाला हाउस कोर्ट ने आरके अरोड़ा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने अरोड़ा को 27 जून को गिरफ्तार किया था।
सुपरटेक समूह के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई एफआईआर दर्ज हैं। इसी आधार पर ईडी ने सुपरटेक समूह, उसके निदेशकों व प्रमोटरों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। अप्रैल में ईडी ने सुपरटेक और उसके निदेशकों की 40 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की थीं। एफआईआर में अरोड़ा और सुपरटेक पर फ्लैट बुक कराने वालों से अग्रिम राशि लेकर धोखाधड़ी करने आरोप हैं।
ईडी के मुताबिक सुपरटेक और समूह की कंपनियों ने फ्लैट खरीदारों की राशि के आधार पर बैंक से कर्ज लिए और राशि का गबन कर लिया। दूसरी कंपनियों के नाम से जमीन खरीदी गई और उनके आधार पर भी बैंकों से कर्ज लिया। आरके अरोड़ा उसी कंपनी के मालिक हैं, जिसके नोएडा में बने ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस ट्विन टावर को 28 अगस्त, 2022 को गिरा दिया गया था।