शामली : श्री कृष्ण जन्मभूमि आदि बनाम शाही मस्जिद ईदगाह आदि मामले में मुख्यवादी भृगुवंशी आशुतोष पाण्डेय ने कांधला वीडियों काफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में शामिल रहे। भारत के चर्चित मामले में हाईकोर्ट इलाहाबाद में दोपहर 2 बजे से सुनवाई शुरू हुई थी।
उच्च न्यायालय इलाहाबाद न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत में वाद 1 से 18 तक सभी वाद में दोनों पक्षो की बहस पूरी हो गयी है। अब पुनः मुस्लिम पक्ष 1 से 18 वाद के खिलाफ अपनी अंतिम बहस के दौरान अपना पक्ष रखा। वही मन्दिर पक्ष की और से श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट मथुरा के अध्यक्ष व मुख्यवादी ने मन्दिर पक्ष की और से न्यायालय में पक्ष रखते हुए कहा 13’37 मालिक व काबिज श्रीकृष्णजन्म भूमि है। और शाही ईदगाह समिति के खिलाफ मुख्यवादी की शिकायत पर बिजली का अवैध विद्युत कनैक्शन चोरी का मुकदमा दर्ज है और तीन लाख का जुर्माना लगाया था। जबकि विद्युत विभाग ने जब मालिकाना हक के कागज मांगे तो प्रतिवादी कोई कागज नही मिले।
यंहा तक नगर निगम मथुरा के द्वारा भी लिखित में प्रमाण पत्र जारी करते हुए कहा कि ईदगाह नामक ढाचें के नाम से सरकारी अभिलेखों मेें कोई संम्पत्ति दर्ज नही है। उन्होने कहा कि 1991 पूजा उपासना अधिनियम एक्ट मन्दिर पक्ष पर लागू नही होता है। क्योकि 1947 से पहले और आज तक पूरी संम्पत्ति श्री कृष्ण जन्मभूमि के नाम है। भगवान नाबालिग न्यायिक व्यक्ति है। उनकी संम्पत्ति को कोई समझौते के तहत बेच नही सकता है।
अगली सुनवाई 27 मई सोमवार को होगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मन्दिर पक्ष की ओर से व्यक्तिगत रूप से (इन पर्सन) मुख्य वादी आशुतोष पाण्डेय, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन मुस्लिम पक्ष की ओर से अधिवक्ता तसनीम अहमदी, व महमूद प्राचा मौजूद रहे। न्यायालय में विनय शर्मा,हरिराम त्रिपाठी, प्रणव ओझा,न्याय मित्र मार्कण्डेय राय ,गौरव पाण्डेय,अश्विनी श्री वास्तव सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।